ब्रह्मांड में हम अकेले नहीं, चारों तरफ हैं एलियंस! वैज्ञानिकों का दावा-कम से कम 36 ग्रहों पर जीवन मौजूद


क्या हम ब्रह्मांड में अकेले हैं? क्या एलियंस होते हैं? अक्सर हम इन सवालों में उलझ जाते हैं. वैज्ञानिक भी लगातार इनका जवाब ढूंढने में दिन-रात लगे हुए हैं. मगर अनगिनत ग्रह अपने भीतर समेटे हुए रहस्यमयी ब्रह्मांड से यह जवाब ढूंढना इतना भी आसान नहीं है. मगर एक शोध में दावा किया गया है कि हमारी अपनी गैलेक्सी में कम से कम 36 ऐसे ग्रह हैं, जहां पर एलियंस के होने की संभावना है. 

एलियंस का ग्रह हमसे औसतन 17 हजार प्रकाश वर्ष की दूरी पर है. मगर मौजूदा तकनीक से हमारा उन तक पहुंचना नामुमकिन है. ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम ने अनुमान लगाया है कि हमारी होम गैलेक्सी में कम से कम 36 ऐसी सभ्यताएं हैं, जो हमसे संपर्क करने की कोशिश में हैं. क्रिस्टोफर कॉनसेलाइस के नेतृत्व वाली टीम ने अनुमान लगाया है कि जिस ढंग से धरती पर जीवन संभव है, उसी ढंग से कुछ ग्रहों पर भी जीवन संभव है.

इस गणना के आधार पर लगाया अनुमान

टीम की ओर से कहा गया है कि जिस ढंग से 500 करोड़ साल पहले धरती पर जीवन की उत्पत्ति हुई थी, उसी ढंग से कम से कम कुछ दर्जन अन्य ग्रहों पर भी ऐसा हुआ है. यह आइडिया कॉस्मिक स्केल के आधार पर लगाया गया है. उनकी अप्रोच ड्रेक इक्वेशन (Drake Equation) पर आधारित है, जिसे एस्ट्रॉनमर फ्रैंक ड्रेक ने 1961 में विकसित किया था. इसके आधार पर ब्रह्मांड के आकार को देखते हुए संचार करने में सक्षम सभ्यताओं की संख्या का अनुमान लगाया था. हालांकि दोनों में जरूरी अंतर यह है कि कॉनसेलाइस की टीम ने जीवन की उत्पत्ति के आधार पर यह अनुमान लगाया है.

तकनीक में हमसे आगे हैं एलियंस

जो सिद्धांत तैयार किया है, वह गैलेक्सी में कम और ज्यादा जीवन की संभावना के आधार पर है. इस कैलकुलेशन में तारों का बनना, वहां मौजूद धातु सामग्री और धरती जैसे ग्रह की स्थिति का अध्ययन किया गया है. टीम का कहना है कि इससे हमें कुछ जरूरी सवालों के जवाब मिल सकते हैं, जैसे हमारी गैलेक्सी में किस ग्रह पर जीवन संभव है और वहां किस हद तक जीवन है. एक अनुमान यह भी है कि इन सभ्यताओं पर मौजूद एलियंस लगातार रेडियो ट्रांसमिशन जैसे सिग्नल भेजकर अपनी मौजूदगी को दर्ज करा रहे हैं. हमारी अपनी खुद की योग्यता सिर्फ कुछ सैकड़ों साल पहले ही आई है जबकि वे हमसे बहुत पहले से ऐसा कर रहे हैं.

साभार-TV9 BHARATVARSH



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