ऑक्सीजन लेवल कम होने पर शरीर में होते हैं ये बदलाव, जानें कब होती है अस्पताल की जरूरत


कोरोना की दूसरी लहर में लोगों के अंदर ऑक्सीजन लेवल  कम होने की समस्या सबसे ज्यादा देखी जा रही है. इसलिए वेंटिलेटर से ज्यादा ऑक्सीजन थेरेपी की जरूरत पड़ रही है.

कोरोना की दूसरी लहर में लोगों के अंदर ऑक्सीजन लेवल कम होने की समस्या सबसे ज्यादा देखी जा रही है. इसलिए वेंटिलेटर से ज्यादा ऑक्सीजन थेरेपी की जरूरत पड़ रही है. इस वजह से देश में ऑक्सीजन की कमी हो रही है.

अस्पताल में बेड नहीं है, ऑक्सीजन नहीं है. ऐसे में ज्यादातर लोग घर पर ही रहकर कोरोना का ट्रीटमेंट ले रहे हैं और सही भी हो रहे हैं. होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे लोगों को यह पता होना चाहिए कि शरीर में जब ऑक्सीजन लेवल कम होता है तो क्या संकेत दिखते हैं. ऑक्सीजन लेवल में सुधार करने के लिए वे क्या कर सकते हैं. कब वे घर पर सुरक्षित हैं और कब उन्हें अस्पताल की जरूरत होती है.

घर पर होम क्वारंटाइन में इलाज करा रहे लोगों को अपना ऑक्सीजन सैचुरेशन चेक करते रहना चाहिए. यह सलाह दिल्ली एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने दी है, बाकी डॉक्टर्स की भी यही राय है. ऑक्सीजन चेक करने के लिए आपके पास एक पल्स ऑक्सीमीटर होना चाहिए. इस डिवाइस को उंगली पर लगाकर चेक किया जाता है. इसकी रीडिंग अगर 94 से ज्यादा है तो पेशेंट खतरे से बाहर है. वहीं ऑक्सीजन सैचुरेशन की रीडिंग 90 है तो यह मरीज के लिए खतरे की घंटी है.

अगर आपके पास यह डिवाइस नहीं है तो तुरंत इसे खरीद मेडिकल स्टोर से खरीद लीजिए या ऑनलाइन ऑर्डर कर लीजिए. होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे लोगों के लिए यह महत्वपूर्ण डिवाइस है.

दरअसल, कोरोना संक्रमण में ऑक्सीजन लेवल घटने लगता है. डॉक्टर के अनुसार, अगर आपका SpO2 लेवल 94 से 100 के बीच रहता है तो यह स्वस्थ होने के संकेत हैं. अगर लेवल 94 से नीचे होता है तो यह हाइपोकलेमिया को ट्रिगर कर सकता है, जिससे कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं. वहीं ऑक्सीजन लेवल 90 से नीचे जाने पर पेशेंट को तुरंत हॉस्पिटल में एडमिट होने की जरूरत होती है.

यानी अगर आपका ऑक्सीजन लेवल 91 से 94 के बीच रहता है तो इसे मॉनिटर करने की जरूरत होती है. वहीं ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए प्रोनिंग एक्सरसाइज की जा सकती है. इस टेक्नीक के बारे में जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है. जिसमें पेट के बल लेटना होता है. इसके लिए दो तकिया घुटने और पैर के पंजों के नीचे, एक तकिया गर्दन के नीचे और एक तकिया छाती के नीचे रखना होता है.

दो घंटे पेट के बल लेटने के बाद बाईं ओर करवट लें फिर पीठ के बल टेक लगाकर बैठें, इसके बाद दाईं ओर करवट लेकर लेट जाएं. ध्यान रहे एक ही पोजीशन में दो घंटे से ज्यादा न रहें. साथ ही खाना खाने के तुरंत बाद यह प्रक्रिया ना करें. वहीं दिल के मरीज या प्रेग्नेंट वुमेन अपने मन से इस एक्सरसाइज को ना करें.

इन लक्षणों को ना करें इग्नोर : 

-डॉक्टर के अनुसार, जब शरीर में ऑक्सीजन की कमी होती है तो चेहरे का रंग उड़ जाता है और होठ का रंग नीला पड़ने लगता है.

-अगर कोरोना मरीज को छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, सीने में दबाव, लगातार खांसी, बेचैनी और बहुत तेज सिरदर्द की शिकायत हो तो तुरंत डॉक्टर से बात करें और जल्द से जल्द अस्पताल में भर्ती कराएं.

साभार-iChoWk.in




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