डॉक्टर्स का कहना है कि सांस में तकलीफ बढ़ने पर सभी लोगों को अस्पताल आने की जरूरत नहीं है. अगर ऑक्सीमीटर पर ऑक्सीजन लेवल लगातार 90 के नीचे जा रहा है तभी अस्पताल जाएं.
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश में हड़कंप मचा रखा है. अस्पतालों में आईसीयू बेड और ऑक्सीजन की कमी से भी मरीजों का बुरा हाल है. ऐसे में हेल्थ ऑथोरिटीज लोगों को घर में ही रिकवर होने की सलाह दे रही हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि सांस में तकलीफ बढ़ने पर सभी लोगों को अस्पताल आने की जरूरत नहीं है. अगर ऑक्सीमीटर पर ऑक्सीजन लेवल लगातार 90 के नीचे जा रहा है तभी अस्पताल जाएं. इसके अलावा जिन लोगों को सांस में तकलीफ हो रही है वो कुछ खास बातों का ध्यान जरूर रखें.
webmd की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने पर गैस स्टोव, मोमबत्ती, फायरप्लेस, बिजली या गैस हीटर जैसी चीजों से करीब 5 फीट दूर रहें. ऐसी चीजों के नजदीक जाने से आपकी दिक्कतें और ज्यादा बढ़ेंगी.
पेंट थिनर, एरयोसोल स्प्रे, क्लीनिंग फ्लूड जैसे फ्लेमेबल प्रोडक्ट्स का बिल्कुल इस्तेमाल न करें. इसके अलावा पेट्रोलियम, ऑयल, ग्रीस बेस्ड क्रीम या वैसलीन जैसे किसी भी प्रोडक्ट को छाती या शरीर के किसी हिस्से पर न लगाएं.
अगर आप सांस में जरा भी दिक्कत महसूस कर रहे हैं तो भूलकर भी धूम्रपान न करें. यहां तक कि सिगरेट-बीड़ी पीने वालों से भी कोसों दूर रहें. इतना ही नहीं, घर में इस्तेमाल होने वाली कैमिकल से बनी खुशबूदार अगरबत्ती या धूपबत्ती के धुएं के संपर्क में भी न आएं.
अगर आप ऑक्सीजन कॉन्सनटेटर्स का इस्तेमाल कर रहे हैं तो अपने दरवाजे या खिड़कियां खोलकर रखें. ऑक्सीजन कॉन्सन्टेटर्स आस-पास की हवा को इकट्ठा करके ऑक्सीजन बनाते हैं. कॉन्सन्टेटर्स हवा से नाइट्रोजन को निकालकर ऑक्सीजन बनाता है और उसे मरीज के शरीर तक पहुंचाता है. ताजा हवा मिलने पर कॉन्सनटेटर्स अपना काम ज्यादा अच्छे से कर पाएंगे.
पौधे हम इंसानों के ठीक विपरीत होते हैं. ये कार्बन डाइऑक्साइड लेकर ऑक्सीजन उत्सर्जित करते हैं. अगर आप होम क्वारन्टीन हैं तो अपने कमरे में कुछ अच्छे इंडोर प्लान्ट की व्यवस्था कर लीजिए. ऐसा करने से आप हमेशा फ्रेश एयर के बीच रहेंगे.
lunginstitute.com के मुताबिक, कुछ खास एक्सरसाइज भी हमारी रेस्पिरेशन एबिलिटी को दुरुस्त करने में मददगार होती हैं. जैसे-जैसे आपका ब्रीदिंग रेट बढ़ेगा आपके फेफड़ों में जाने वाली ऑक्सीजन का लेवल भी बढ़ता चला जाएगा. इसलिए एक्सपर्ट की सलाह पर ऐसी एक्सरसाइज नियमित रूप से करें.
ऐसी स्थिति में शरीर को डिहाइड्रेट न होने दें. पानी का वैज्ञानिक सूत्र H2O है. यहां O का मतलब ऑक्सीजन से है. जाहिर सी बात है कि शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा खून में ऑक्सीजन की कमी नहीं होने देगी. इसलिए पहले से तैयार रहें और डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त पानी पिएं.
रोजाना नियमित रूप से मेडिटेशन करें. अपनी सांस पर फोकस करें. दिन में कुछ मिनट तक लंबी सांस लेने के इस अभ्यास से आपको फायदा जरूर होगा. इससे न सिर्फ ऑर्गेन्स को अच्छे से ऑक्सीजन मिलता है, बल्कि आपका तनाव भी कम होगा.
ऑक्सीजन युक्त खाद्य पदार्थ भी शरीर में ऑक्सीजन के लेवल को कंट्रोल करने में मददगार हो सकते हैं. आपको ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों और फलों का सेवन करना चाहिए. आप केल, ब्रोकली और अजवाइन जैसी चीजों को खाने में शामिल कर सकते हैं.
खाने में लो सोडियम डाइट का सेवन करें. ऐसी डाइट किडनी और ब्लड में जाने वाले ऑक्सीजेनेशन को बढ़ाने का काम करती है. इसके अलावा, ज्यादा दिक्कत बढ़ने पर डॉक्टर की सलाह अवश्य लें.
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