खुलासा : 4 लाख के लिए बेटे ने पिता की ले ली जान


SC-ST एक्ट में पाना चाहता था 4 लाख, 'गलती' से पिता की ले ली जान 

पैसे का लालच इनसान को किस हद तक गिरा देता है, इसकी मिसाल बिजनौर की एक घटना है. यहां एक शख्स ने SC/ST एक्ट के तहत मिलने वाली सरकारी सहायता राशि पाने के मकसद से अपने अधेड़ पिता पर फर्जी हमला कराया. लेकिन इस हमले में गोली लगने से पिता की मौत हो गई.

ये पूरा मामला किसी बॉलिवुड क्राइम थ्रिलर से कम नहीं है. पुलिस को गांव राजपुर नवादा में रविवार रात को एक शख्स की छर्रे लगी हुई लाश मिली. मृतक की पहचान गांव जल्दी के रहने वाले 50 साल के अमर सिंह के तौर पर हुई. ये इलाका बिजनौर कोतवाली के तहत आता है. बिजनौर एसपी डॉ धर्मवीर सिंह ने इस मामले में पुलिस SWAT (स्पेशल वेपन्स एंड टैक्टिस) टीम को जांच की जिम्मेदारी सौंपी.  

पुलिस ने अब इस मर्डर केस का खुलासा किया है. अमर सिंह पर हमले की साजिश में और कोई नहीं उसका बेटा भोले भी शामिल था. पुलिस ने भोले के साथ तीन और लोगों को गिरफ्तार किया. इनके नाम चरण सिंह, धर्मेंद्र और शाहरुख अहमद है. हमले का ये सारा तानाबाना 45 साल के चरण सिंह ने बुना. चरण सिंह का भोले पर अच्छा प्रभाव है. उसी ने भोले को बरगला कर पिता पर हमला कराने के लिए तैयार किया. 

दरअसल, चरण सिंह की पत्नी 7 साल पहले उसे छोड़ कर बढ़ापुर निवासी राजेश के साथ रहने लगी थी. तभी से चरण सिंह की राजेश से रंजिश चली आ रही थी. ये विवाद कोर्ट में चल रहा था. इसी मुकदमे में दबाव बनाने और राजेश को फंसाने के इरादे से चरण सिंह ने भोले को अपने साथ मिलाया. चरण सिंह ने भोले को लालच दिया कि वो अनुसूचित जाति (SC) से है, अगर उसके पिता पर फर्जी हमला करा दिया जाए तो उसे सरकारी सहायता के तौर पर करीब सवा चार लाख रुपए मिल जाएंगे. साथ ही राजेश को हमले के लिए नामजद करते हुए फंसा दिया जाएगा. बाद में दबाव बनाकर राजेश को समझौते के लिए मजबूर कर दिया जाएगा.  

पैसे के लालच में भोले इस साजिश में हिस्सा लेने के लिए तैयार हो गया. साथ ही उसने पिता अमर सिंह को भी विश्वास में ले लिया. इसके लिए तय प्लान के मुताबिक अमर सिंह पर सिर्फ फर्जी हमला ही दिखाना था. इसके बाद भोले, चरण सिंह, शाहरुख, धर्मेंद्र रविवार को अमर सिंह को मंडावली थाने के तहत आने वाले राजपुर नवादा गांव ले गए. वहां फर्जी हमला दिखाने के लिए 12 बोर के तमंचे से अमर सिंह पर गोली चलाई गई. इस हमले में छर्रे निकल कर अमर सिंह की कमर में जा धंसे और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. ये देखकर भोले, चरण सिंह, धर्मेंद्र और शाहरुख के हाथ पांव फूल गए और वो मौके से फरार हो गए.  

राजपुर नवादा गांव में रहने वाले लोगों में से ही किसी ने पुलिस को लाश पड़ी होने की सूचना मिली. मृतक की शिनाख्त गांव जल्दी निवासी अमर सिंह के तौर पर हुई. सोमवार को पुलिस ने अमर सिंह के बेटे भोले से पूछताछ की. भोले ने पुलिस को बताया कि अमर सिंह को आखिरी बार चरण सिंह के साथ देखा था. इसके बाद पुलिस ने चरण सिंह का नंबर लेकर सर्विलांस पर लगाया. चरण सिंह, धर्मेंद्र और शाहरुख को पुलिस ने नजीबाबाद के बालियान चौक से सोमवार शाम तक गिरफ्तार कर लिया. चरण सिंह ने फिर पुलिस को बताया कि भोले भी इस साजिश में शामिल था. पुलिस ने फिर भोले को भी गिरफ्तार कर लिया. 

कॉल डिटेल्स से ये भी साबित हुआ कि भोले लगातार चरण सिंह के संपर्क में था और घटना वाले दिन चारों आरोपी हमले वाली लोकेशन पर मौजूद थे. आरोपियों के पास से पुलिस ने तमंचा, कारतूस और चाकू भी बरामद किए. भोले, चरण सिंह, धर्मेंद्र और शाहरुख को कोर्ट में पेश किए जाने के बाद जेल भेज दिया गया है.  

पुलिस के मुताबिक, अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST)  के किसी सदस्य पर जान से मारने के इरादे से हमला का मुकदमा दर्ज होने पर करीब सवा चार लाख रुपए और मौत होने पर आठ लाख रुपए की सरकारी सहायता दी जाती है. लेकिन अमर सिंह के इस मामले में फर्जी हमले की साजिश रची गई, उसी में मौत हुई, यहां क्योंकि परिवार का ही एक सदस्य साजिश में शामिल था, इसलिए मृतक के परिवार को किसी तरह की सहायता राशि नहीं मिलेगी. 









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