कोरोना की रफ्तार अगले 2-3 हफ्तों में कम हो जायेगी. ऐसा कोई और नहीं, बल्कि BHU के जंतु विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक दावा कर रहें हैं. इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि बीते दिनों की तुलना में वाराणसी के मरीजों का रिकवरी रेट 20% से बढ़कर 80% हो चुका है.
कोरोना महामारी के बीच चारों ओर से मिलने वाली बुरी खबरों के बीच वाराणसी से एक अच्छी खबर सामने आ रही है कि कोरोना की रफ्तार अगले 2-3 हफ्तों में कम हो जायेगी. ऐसा कोई और नहीं, बल्कि BHU के जंतु विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक दावा कर रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि बीते दिनों की तुलना में वाराणसी के मरीजों का रिकवरी रेट 20% से बढ़कर 80% हो चुका है.
जंतु विज्ञान के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि अगर बनारस में कोविड स्थिति देखी जाए तो दो-तीन चीजें काफी हद तक साफ है कि रिकवरी रेट 15 अप्रैल को 20% के आसपास था. वह पिछले चार-पांच दिनों में 80% तक चला गया है. जंतु विज्ञान के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे का कहना है कि इस तरह से रिकवरी रेट में 4 गुने से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है.
वहीं, अभी तक वाराणसी में जितने लोग वैक्सीनेटड हुए हैं या इन्फेक्टेड हुए हैं और जो लोग एंटीबॉडी कैरी किए हुए हैं. सभी को काउंट करें तो इन सभी को मिलाकर वाराणसी में लगभग 5 लाख से ऊपर पापुलेशन कोरोना वायरस के अगेंस्ट इम्यूनिटी ले चुकी होगी.
अगर इन आंकड़ों की माने तो लगभग 40 से 50 परसेंट लोग जब इन्फेक्टेड होते हैं तो वायरस की संक्रमण दर घट जाएगी और वायरस की चेन भी टूट जाएगी. इससे उम्मीद जताई जा रही है कि अगले 2 से 3 सप्ताह में इंफेक्शन का नंबर सेचुरेशन लेवल तक पहुंच जाएगा और फिर केस भी कम आएंगे साथ ही कोरोना की चेन भी टूटेगी.
उन्होंने आगे बताया कि अगले 2 से 3 सप्ताह में इंफेक्शन का लेवल सेचुरेशन तक पहुंच जाएगा और नए केस कम आने लगेंगे क्योंकि वायरस को मीडियम नहीं मिलेगा. इसके साथ ही उन्होंने सावधान भी किया कि हमको सतर्क रहना पड़ेगा और संक्रमण से बचना पड़ेगा. जब हम कोरोना के इंफेक्शन को कम कर देंगे तो इसकी चैन को भी तोड़ लेंगे.
साभार- आजतक
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