धरना प्रदर्शन और तोड़फोड़ करने वालों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, सरकार का नया फरमान


पटना : अब बिहार में धरना प्रदर्शन और जाम के दौरान हिंसा तोड़फोड़ करने वालों की खैर नही. अब अगर आप धरना प्रदर्शन के दौरान सड़क जाम, तोड़फोड़ या हिंसा फैलाते हैं या फिर किसी अपराधिक कृत्य में शामिल होते हैं तो आपको सरकारी नौकरी और सरकारी ठेकेदारी दोनों से हाथ धोना पड़ सकती है.

दरअसल डीजीपी एसके सिंघल ने पुलिस वेरीफिकेशन रिपोर्ट के संबंध में जो विस्तृत आदेश जारी किया है. उस आदेश में कहा है कि यदि कोई व्यक्ति द्वारा किसी विधि व्यवस्था को क्षति पहुंचाने, विरोध प्रदर्शन, सड़क जाम, किसी आपराधिक कृत्य जैसे मामलों में शामिल पाया जाएगा और उसे इस कार्य के लिए पुलिस द्वारा आरोपित किया जाता है तो इस संबंध में चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन में विशिष्ट एवं स्पष्ट रूप से लिया जाएगा ऐसे व्यक्ति को गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहना होगा और उसे ना तो सरकारी नौकरी मिलेगी और ना ही सरकारी ठेका मिल पाएगा.

डीजीपी ने सभी जिला के एसपी के साथ आईजी व डीआईजी को इससे जुड़ा निर्देश जारी कर दिए हैं. सरकारी विभागों में ठेकेदारी लेने के लिए चरित्र प्रमाण पत्र जरूरी करने के निर्णय के बाद पुलिस मुख्यालय ने इसको लेकर स्पष्ट निर्देश जारी कर दिया है.

बताते चलें कि 25 जनवरी को गृह विभाग द्वारा सभी विभागों के साथ प्रमंडलीय आयुक्त और डीएम को पत्र जारी किया गया था, जिसके अनुसार विभिन्न सरकारी विभागों, निगमों, निकायों में संविदा या ठेका पर काम लेने वालों के लिए चरित्र सत्यापन अनिवार्य होगी. इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने यह फरमान जारी किया है.




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