अब तक नहीं आया इनकम टैक्स रिफंड? ये 3 बड़ी गलतियां हो सकती हैं वजह!


Income tax refund delayed : इस बार आयकर विभाग (IT Department) की तरफ से झटपट प्रोसेसिंग (Income tax return) की जा रही है और लोगों को हफ्ते भर में भी रिफंड (Income tax refund) मिल जा रहा है। 1 अप्रैल 2020 से लेकर 11 जनवरी 2021 तक आयकर विभाग ने 1.57 करोड़ लोगों को 1.73 लाख करोड़ रुपये का रिफंड दे भी दिया है। हालांकि, अभी भी बहुत से लोगों को रिफंड नहीं मिला है। आइए जानते हैं किन गलतियों की वजह से आपके रिफंड में हो रही है देरी।

Income tax refund delayed : आयकर विभाग (IT Department) की तरफ से हाल ही में बयान जारी कर के बताया गया कि 1 अप्रैल 2020 से 11 जनवरी 2021 तक करीब 1.57 करोड़ लोगों को 1,73,139 करोड़ रुपये का रिफंड (Income tax refund) दिया जा चुका है। इस बार आयकर विभाग बहुत जल्दी रिफंड दे रहा है, जिसे झटपट प्रोसेसिंग कह रहा है। ऐसा हो भी रहा है और बहुत सारे लोगों को महज हफ्ते भर में ही टैक्स रिफंड मिल जा रहा है। वहीं बहुत सारे ऐसे भी लोग हैं जो इस बात की शिकायत कर रहे हैं कि कई महीने पहले आयकर रिटर्न (Income tax return) भरने के बावजूद उन्हें रिफंड नहीं मिला है। इसके पीछ 3 वजहें हो सकती हैं, आइए इनके बारे में जानते हैं।

पहली गलती- गलत बैंक अकाउंट डीटेल

अगर आपने आईटीआर भरते वक्त रिफंड के लिए गलत बैंक अकाउंट डीटेल डाल दी हैं तो आपको रिफंड मिलने में देरी हो सकती है। आयकर विभाग की तरफ से रिफंड सीधे करदाता के खाते में डाले जा रहे हैं, ऐसे में गलत जानकारी से नुकसान हो सकता है। साथ ही ये भी ध्यान रखें कि जिस बैंक अकाउंट की डीटेल आपने रिफंड के लिए दी है, वह पैन कार्ड के साथ लिंक होना चाहिए। अगर आपका भी रिफंड नहीं मिला है तो एक बार फिर से अपने बैंक की जानकारी चेक करें और किसी भी तरह की गलती होने पर उसे सुधार लें, ताकि रिफंड आ सके।

दूसरी गलती- बैंक अकाउंट का प्रीवैलिडेट ना होना

बहुत से ऐसे लोग हैं, जिन्होंने बैंक अकाउंट की जानकारी बिल्कुल सही डाली है, लेकिन उन्हें रिफंड नहीं मिला। इसकी एक बड़ी वजह ये भी हो सकती है कि आपने अपने बैंक खाते को प्रीवैलिडेट ना किया हो। अगर ऐसा नहीं किया है तो अपनी प्रोफाइल सेटिंग में जाएं और वहां बैंक अकाउंट को प्रीवैलिडेट करने का विकल्प चुनें। वहां पर आपको बैंक अकाउंट नंबर, आईएसएससी कोड, मोबाइल नंबर और ईमेल आईटडी देनी पड़ सकती है।

तीसरी गलती- आईटीआर का वेरिफाइड नहीं होना

बहुत सारे लोग आयकर रिटर्न भरने और उसे बैंक अकाउंट की जानकारियां डालने से लेकर खाते को प्रीवैलिडेट कराने तक के सारे काम सही से करते हैं, लेकिन अपनी आईटीआर वेरिफाई करना भूल जाते हैं। ध्या रहे कि आईटीआर फाइल करने की प्रक्रिया तब तक पूरी नहीं मानी जाती है, जब तक कि आप उसे वेरिफाई ना करा दें। तो अगर आपको भी रिफंड नहीं मिला है तो एक बार चेक कर लीजिए कि आपका रिटर्न वेरिफाई हुआ भी है या नहीं। अगर वेरिफिकेशन नहीं हुआ है तो उसे 6 तरीकों से वेरिफाई कर सकते हैं।

अपने रिटर्न को ई-वेरिफाई करने का सबसे आसान तरीका है आधार ओटीपी के जरिए वेरिफिकेशन कराना। ऐसा करने के लिए आपका आधार ओटीपी के जरिए वेरिफिकेशन का विकल्प चुनना होगा। आपके आधार नंबर के साथ जो मोबाइल नंबर लिंक है, उस पर एक ओटीपी आएगा, जिसे वेरिफिकेशन के लिए दर्ज करना होगा। बस इतना होते ही आपका आईटीआर वेरिफाई हो जाएगा।

2- ईवीसी जनरेट कर के नेटबैंकिंग के जरिए

अगर आपके आधार से लिंक मोबाइल पर ओटीपी ना आए या कोई दूसरी दिक्कत हो तो आप ईवीसी जनरेट कर के नेटबैंकिंग के जरिए भी आईटीआर वेरिफाई कर सकते हैं। इसके लिए आपको नेटबैंकिंग के जरिए ईवीसी जनरेट कर के आईटीआर फाइल करने का विकल्प चुनना होगा। उसके बाद अपना बैंक चुनकर उसमें लॉगिन कर के टैक्स टैब पर क्लिक करें, जिसके बाद आप फिर से इनकम टैक्स की वेबसाइट पर रीडारेक्ट हो जाएंगे। वहां पर My Account टैब में Generate EVC का विक्ल चुनें। इसके बाद आपके मोबाइल और ईमेल पर 10 अंकों का अल्फा न्यूमेरिक कोड जाएगा, जो 72 घंटों के लिए वैलिड होगा। यहां से आयकर विभाग की वेबसाइट में My Account टैब के अंदर ईवेरिफाई विकल्प पर जाएं और I have EVC already के विकल्प को चुनकर अपने मोबाइल नंबर की मदद से अपना आईटीआर वेरिफाई कर लें।

3- ईवीसी जनरेट कर के बैंक अकाउंट के जरिए

इसके लिए सबसे पहले अपने ई-फाइलिंग अकाउंट की प्रोफाइल सेटिंग में जाना होगा और वहां पर अपने बैंक अकाउंट को प्री-वैलिडेट करना होगा। प्रीवैलिडेशन तभी होगा जब पैन और आपका नाम बैंक खाते के साथ मैच करेगा। प्रीवैलिडेशन होते ही आप ईवीसी जनरेट करें और फिर मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी की मदद से अपने आईटीआर को वेरिफाई कर सकते हैं।

4- डीमैट अकाउंट से आईटीआर वेरिफाई

अगर आप डीमैट अकाउंट इस्तेमाल करते हैं तो उसके जरिए भी आईटीआर वेरिफाई किया जा सकता है। इसका तरीका भी बैंक अकाउंट जैसा ही है। पहले आपको डीमैट अकाउंट को प्रीवैलिडेट करना होगा। डीमैट अकाउंट प्रीवैलिडेट होने के बाद ईवीसी जनरेट करें और फिर अपने मोबाइल नंबर की मदद से आईटीआर को वेरिफाई कर लें। यह प्रक्रिया बिल्कुल बैंक खाते जैसी ही है।

5- एटीएम से ईवीसी जनरेट कर के

अगर ये सारे विकल्प भी आपके काम नहीं आते हैं तो आप एटीएम से भी ईवीसी जनरेट कर के आईटीआर वेरिफाई कर सकते हैं। हालांकि, सिर्फ 7 बैंकों के ग्राहक की इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं। ये बैंक एक्सिस बैंक, कैनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और भारतीय स्टेट बैंक हैं। अगर आपका बैंक इनमें से कोई है तो आप एटीएम पर जाकर Pin for Income Tax filing विकल्प चुनें और फिर ईवीसी जनरेट कर लें। उसके बाद इस ईवीसी के जरिए टैक्स फाइलिंग वेबसाइट पर जाकर आईटीआर वेरिफाई कर लें।

6- आईटीआर-वी की कॉपी को साइन कर के भेजें

अगर ई-वेरिफिकेशन के ऊपर के 5 में से कोई विकल्प काम नहीं आते हैं तो आप आईटीआर-वी की साइन की हुई कॉपी को आयकर विभाग को भेजकर वेरिफाई कर सकते हैं। आईटीआर-वी के फॉर्म को नीली स्याही के पेन से साइन करें और 'CPC, Post Box No - 1, Electronic City Post Office, Bangalore - 560100, Karnataka, India' पर स्पीड पोस्ट से भेज दें। जब ये कॉपी आयकर विभाग को मिल जाएगी तो आपके मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर इसका नोटिफिकेशन आ जाएगा।




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