बलिया : इंजीनियरों की टीम के साथ सीडीओ विपिन कुमार जैन ने किया भ्रमण



जलजमाव की समस्या को दूर करने को लेकर की चर्चा

कालोनियों की गहराई मापी, उसी हिसाब से बनेगा प्रोजेक्ट

बलिया। बरसात के दिनों में जलनिकासी की समस्या को लेकर प्रशासनिक अमला अभी से गंभीर हो गया है। खासकर सीडीओ विपिन कुमार जैन का प्रयास है कि जितना जल्द हो सके, नाला निर्माण की प्रक्रिया को पूरा कर जलजमाव की समस्या को दूर कराया जा सके। यह काम बरसात से पहले हर हाल में करा लेने के लिए वे प्रतिबद्ध हैं।


बुधवार को आधा दर्जन इंजीनियरों की टीम के साथ सीडीओ ने एनसीसी चैराहा व उसके आसपास कालोनियों में भ्रमण किया। कुंवर सिंह चैराहा से एनसीसी तिराहा वाले रास्ते के दोनों तरफ की गहराईयों को इंजीनियरों ने परखा। इसके बाद सीडीओ ने उन सभी से अलग-अलग फीडबैक लिया। कहा कि कार्य ऐसा कराया जाए जिससे इधर की जलनिकासी आसानी से होकर कटहल नाले तक चली जाए। जिला जेल, पुलिस लाईन मैदान व पुलिस कालोनियों की गहराई को देखते हुए प्रोजेक्ट बनाने के निर्देश इंजीनियरों को दिया। 

क्रॉस नाला बना कर निकास को किया जाएगा और बेहतर


सीडीओ व इंजीनियरों की टीम में भ्रमण के दौरान यह बात हुई कि कुंवर सिंह से एनसीसी तिराहा तक रास्ते में उपयुक्त जगहों पर क्रास नाला बनाकर कनेक्शन कर पानी निकास को और सुगम बनाया जाएगा। सड़क के दोनों तरफ यानि, पुलिस लाइन मैदान और डायल 112 कार्यालय व आदेश कक्ष व पुलिस कालोनी की तरफ जाकर जाकर जमीन के लेवल को परखा गया। उसके हिसाब से प्रोजेक्ट बनाने को कहा। उसी में जगह-जगह चेंबर बनाकर उससे कॉलोनियों से आने वाली नालियों को कनेक्ट करने का भी सुझाव इंजीनियरों ने दिया। नाला निर्माण के समय वहां लगे ट्रांसफार्मर को लेकर भी बिजली विभाग के अधिकारियों ने बात की गयी। 

पुनरीक्षित प्राकलन बनाने के निर्देश


मंडी समिति से तिखमपुर व एनसीसी तिराहा वाले सड़क के पानी निकास के लिए तीन करोड़ की लागत से बन रहे नाले का पुनरीक्षित प्राकलन बनाने का निर्देश सीडीओ ने दिया। कहा कि पीडब्ल्यूडी की ओर से तीन करोड़ खर्च होगा ही, ऐसे में कुछ और धन मिलाकर इसी नाले को चैड़ा व गहरा बना दिया जाए तो आसपास की कालोनियों का पानी भी इसी से निकल जाएगा। इससे सरकारी धन की भी बचत होगी और लोगों को जलजमाव की समस्या से निजात मिलेगी। एनसीसी तिराहा से मिड्ढी चैराहा और वहां से टीडी कालेज होकर पानी निकालने पर भी चर्चा हुई।



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