विशेष अदालत ने प्रथम दृष्टया इनके अपराध को गंभीर करार देते हुए अर्जी खारिज कर दी। 20 जून, 2015 को इस मामले की एफआईआर डा. नूतन ठाकुर ने थाना गोमतीनगर में दर्ज कराई थी। जिसमें अभियुक्तों के साथ ही सूबे के तत्कालीन काबीना मंत्री गायत्री प्रजापति व राज्य महिला आयोग की चेयरमैन जरीना उस्मानी समेत आठ लोगों को नामजद किया था। सरकारी वकील मुनेश बाबू यादव के मुताबिक इन दोनों अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 467, 468, 471, 420, 203, 211 व 120 बी के तहत आरोप पत्र दाखिल हुआ था। लेकिन अभियुक्तों के गैरहाजिर रहने पर इनके खिलाफ कुर्की की कार्यवाही की नोटिस जारी थी।
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