अब यहाँ बच्चों की जगह अब मां- बाप जायेंगे स्कूल, गाइडलाइन जारी

(Now, parents will go to school instead of children in Rajasthan) सीकर. कोरोनाकाल में विद्यार्थियों की पढ़ाई का तरीका लगातार बदलता जा रहा है। कभी रेडियो व टीवी के जरिए पढ़ाई कराई गई, तो अब ऑनलाइन एप के जरिए पढ़ाया जा रहा है। शैक्षिक सत्र के आठ महीने गुजरने के बाद भी स्कूल नहीं खुलने पर शिक्षा विभाग ने फिर बदलाव किया है। अब तक केवल बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थी अभिभावकों की सहमति के बाद शैक्षिक परामर्श व होमवर्क लेने स्कूल आ रहे थे। नई व्यवस्था के तहत अब छोटी कक्षाओं के विद्यार्थियों के अभिभावकों को होमवर्क लेने स्कूल आना होगा। शिक्षा विभाग की नई गाइडलाइन से विद्यार्थियों को काफी राहत मिलेगी। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी कक्षा के विद्याथी को बिना परीक्षा के प्रमोट नहीं किया जा सकेगा। हालांकि पहले दिसम्बर महीने तक अद्र्धवार्षिक परीक्षाएं हो जाती थी, लेकिन इस साल कोरोना की वजह से अभी तक परीक्षाएं नहीं हुई है। कई निजी स्कूलों की ओर से अपने स्तर पर परीक्षाएं ली गई है। सरकार ने परख परीक्षाओं को लेकर अभी तक कोई गाइडलाइन जारी नहीं की है।

प्रायोगिक अभ्यास के लिए आ सकेंगे विद्यार्थी

कक्षा ग्यारवीं व बारहवीं के जिन विद्यार्थियों के प्रायोगिक परीक्षा है, उनके प्रायोगिक अभ्यास के लिए विद्याथी स्कूल आ सकेंगे। स्कूल प्रबंधन को एक समय में प्रयोगशाला की क्षमता से आधे विद्यार्थियों को ही प्रवेश देना होगा।

बिना परीक्षा के नहीं होंगे प्रमोट विद्यार्थियों को फिलहाल आओ घर में सीखें कार्यक्रम के तहत पढ़ाई कराई जा रही है। कोरोना की वजह से पाठ्यक्रम में भी कटौती की गई है। आठवीं बोर्ड परीक्षा का आयोजन होगा। होमवर्क के लिए अभिभावकों को स्कूल बुलाया जा सकता है। पांचवी बोर्ड परीक्षा का आयोजन होगा। इसके लिए सिलेबस भी जारी कर दिया है। कक्षा एक से दो तक के विद्यार्थियों की क्रमोन्नति होमवर्क सहित अन्य मापदंडों के आधार पर की जाएगी।



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