इन 3 आदतों के लोगों से प्रसन्न नहीं होती हैं देवी लक्ष्मी, जानिए विदुर नीति की मान्यता

Vidur Niti : विदुर नीति में विदुर जी कहते हैं कि जिन लोगों में कुछ विशेष आदते होती हैं देवी लक्ष्मी उन पर कभी धन वर्षा नहीं करती हैं, ऐसे लोग हमेशा धन के लिए तरसते रह जाते हैं।

Vidur Niti on Money : विदुर नीति में महाभारत काल के विदुर जी के विचार बताए गए हैं। उन्हें हमेशा से ही बुद्धिजीवियों में याद किया जाता है। कहते हैं कि विदुर की समझदारी और श्री कृष्ण के संग की वजह से ही पांडवों ने महाभारत का युद्ध जीत लिया था। विदुर जी की खासियत यह मानी जाती है कि विदुरता यानी समझदारी होने के बावजूद भी उन्होंने कभी अपनी समझ पर घमंड नहीं किया।

कहा जाता है कि उनके सौम्य-सभ्य स्वभाव और घमंड रहित होने की वजह से ही भगवान श्री कृष्ण भी उनसे बहुत प्रेम किया करते थे और उनका संग करना पसंद करते थे। आज भी जब बुद्धिजीवियों को याद किया जाता है तो उनमें विदुर जी का नाम जरूर शामिल होता है। विदुर नीति में विदुर जी कहते हैं कि जिन लोगों में कुछ विशेष आदते होती हैं देवी लक्ष्मी उन पर कभी धन वर्षा नहीं करती हैं, ऐसे लोग हमेशा धन के लिए तरसते रह जाते हैं।

आलस्य है बर्बादी की वजह – विदुर जी कहते हैं कि जिन लोगों में आलस्य होता है, वह लोग अपने बर्बाद होने की वजह स्वयं होते हैं। जो लोग हमेशा आलस्य से घिरे रहते हैं उन्हें यह भी पता नहीं चल पाता है कि कब उनके हाथ से तरक्की हासिल करने का सुनहरा अवसर निकल गया। आलस्य दरिद्रता की जननी है। जो लोग आलसी होते हैं उन्हें अपने जीवन में धन का अभाव सहना पड़ता है, क्योंकि ऐसे लोगों पर देवी लक्ष्मी कभी अपनी कृपा नहीं बरसाती हैं। कहते हैं कि ऐसे लोगों को हमेशा भाग्य पर रोना पड़ता है।

मेहनत करने से ना चुराएं मन – कुछ लोग ऐसे होते हैं जो बैठे-बैठे तरक्की, उपलब्धि और रोजगार की इच्छा रखते हैं, लेकिन कहा जाता है कि कलियुग में कुछ भी हासिल करने के लिए मेहनत करना बहुत जरूरी है। माना जाता है कि जो व्यक्ति अपने लिए स्वयं मेहनत नहीं कर सकता है, उस पर ईश्वरीय कृपा भी नहीं बरसती है। इसलिए व्यक्ति को कभी मेहनत करने से मन नहीं चुराना चाहिए। ताकि उसे पर्याप्त धन की प्राप्त हो सके।

ईश्वर का संग है जरूरी – विदुर नीति में विदुर जी यह कहते हैं कि मनुष्य को हमेशा ईश्वर का संग बनाए रखना चाहिए। कहते हैं कि जो व्यक्ति ईश्वर का संग नहीं बनाए रखता है, उससे कभी देवी लक्ष्मी प्रसन्न नहीं होती हैं। प्रयास करें कि आप रोजाना मन से ईश्वर का ध्यान जरूर करें। संभव हो तो अपने घर में धूप-दीप भी जरूर जगाएं। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और माता महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।



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