ऑनलाइन न्यूज पोर्टल और कंटेट प्रोवाइडर अब आए सूचना प्रसारण मंत्रालय के अधीन


देश में चलने वाले सभी ऑनलाइन फिल्मों,ऑडियो-वीडियो कार्यक्रम, *ऑनलाइन समाचार और अन्य कंटेंट सामग्री अब सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत आएंगे। ऑनलाइन न्यूज पोर्टल और कंटेट प्रोवाइडर को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। 


केंद्र सरकार ने बुधवार को एक नोटिफिकेशन जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि देखे और सुने जाने वाले कार्यक्रम और समचार व करेंट अफेयर्स अब सूचना मंत्रालय के नियंत्रण में लाए जाएंगे। यानि कि देश में चलने वाले सभी ऑनलाइन फिल्मों, ऑडियो-वीडियो कार्यक्रम, ऑनलाइन समाचार और अन्य कंटेंट अब सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत आएंगे।


इसे नियम को कार्य आंबंटन एक्ट 1961 के अधीन लाया जा रहा है और 357वां संशोधन अधिनियम 2020 कहा गया है। वर्तमान में, डिजिटल कंटेंट को नियंत्रित करने वाला कोई कानून नहीं है। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया प्रिंट मीडिया पर नियंत्रित रखता है। वहीं न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) समाचार चैनलों और एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया विज्ञापन पर निगरानी करता है। फिल्मों के लिए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) है जो सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली फिल्मों की निगरानी के लिए जिम्मेदार है। लेकिन ओटीटी और ऑनलाइन न्यूज पोर्टल के लिए अबतक कोई कानून या निकाय नहीं था।


भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा इस आदेश पर हस्ताक्षर किए गए हैं जो कि तत्काल प्रभाव से लागू होगा। एएनआई ने ट्वीट कर बताया, ‘सरकार ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत अब ऑनलाइन फिल्मों और ऑडियो-विज़ुअल कार्यक्रमों, ऑनलाइन समाचार और अन्य कंटेंट को इसके अंतर्गत लाने के आदेश जारी किए हैं।’


नोटिफ़िकेशन में कहा गया है कि राष्ट्रपति की ओर से अनुच्छेद 77 के खंड (3) के तहत कार्य आबंटन नियम, 1961 में संशोधन किया जा रहा है। इसे कार्य आबंटन 357वां संशोधन नियम 2020 नाम दिया गया है। जो तुरंत लागू होगा। बता दें, साल 2019 में केंद्र सरकार ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में एक मामले में वकालत करते हुए ओटीटी प्लेटफॉर्म का नियमन की बात कही थी। कहा गया था कि टीवी से ज्यादा इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। अब सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए इन सभी तरह के कंटेंट को मंत्रालयों के तहत लाने का कदम उठाया है।


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