उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन खत्म हो गया है. राज्य सरकार ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड निजीकरण का प्रस्ताव वापस ले लिया है. मंगलवार को प्रदर्शन कर रहे बिजली विभाग के कर्मचारियों और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और वित्त मंत्री सुरेश के बीच हुई बैठक के बाद ये फैसला लिया गया.
उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन खत्म हो गया है. राज्य सरकार ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड निजीकरण का प्रस्ताव वापस ले लिया है. मंगलवार को प्रदर्शन कर रहे बिजली विभाग के कर्मचारियों और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और वित्त मंत्री सुरेश के बीच हुई बैठक के बाद ये फैसला लिया गया.
हालांकि यूपी सरकार 3 महीने बाद यूपीपीसीएल के कामकाज की समीक्षा करेगी. इसी के अनुरूप आगे की रणनीति बनेगी . मंगलवार को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के विघटन और निजीकरण का प्रस्ताव वापस लिया जाता है.
दोनों पक्षों के बीच बातचीत में इस मुद्दे पर सहमति बनी कि विद्युत वितरण में सुधार के लिए कर्मचारियों एवं और अभियन्ताओं को विश्वास में लिए बिना उत्तर प्रदेश में कोई निजीकरण नहीं किया जाएगा.
इसके अलावा प्रदर्शनकारी बिजली कर्मचारी इस बात पर भी राजी हो गए कि वितरण क्षेत्र को भ्रष्टाचार मुक्त करने, बिलिंग और कलेक्शन का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सार्थक कदम उठाया जाएगा और बिजली उपकेंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बिजली कर्मचारी शत प्रतिशत सहयोग करेंगे.
बता दें कि बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण का विरोध करते हुए काम बंद कर दिया था. इस वजह से यूपी के कई शहर अंधेरे में डूब गए थे.
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