सामुद्रिक शास्त्र में यह माना जाता है कि हर तिल व्यक्ति के जीवन, व्यवहार या स्वभाव में कोई विशेषता जोड़ता है। इसी तरह पलकों पर तिल होना बहुत खास माना जाता है।
सामुद्रिक शास्त्र में यह माना जाता है कि हर तिल व्यक्ति के जीवन, व्यवहार या स्वभाव में कोई विशेषता जोड़ता है। इसी तरह पलकों पर तिल होना बहुत खास माना जाता है। कहते हैं कि बहुत किस्मत वाले लोगों के ही पलकों पर तिल होता है। पलकों पर तिल होने से न सिर्फ व्यक्ति आकर्षक दिखता है बल्कि यह तिल जीवन के कठिन समय में भाग्योदय का काम करता है। पलक के अलग-अलग हिस्से पर तिल का मतलब भी अलग होता है।
पलक की दाहिनीं ओर तिल – जिस व्यक्ति के पलक की दाहिनीं ओर तिल होता है वह बहुत संवेदनशील होते हैं। कहा जाता है कि ऐसे लोग प्रतिभा के धनी होते हैं। इन्हें किसी भी कार्य को करने में हिचक नहीं महसूस होती है। इनके मित्र बहुत जल्दी बन जाते हैं लेकिन किसी भी व्यक्ति से इनकी दोस्ती लम्बे समय तक नहीं टिक पाती है।
पलक के बाएं ओर तिल –
ऐसा माना जाता है कि जिन लोगों के पलक के बाएं ओर तिल होता है वह बुद्धिमान होते हैं। ऐसे लोगों को हर परिस्थिति में निर्णय लेना आता है। यह लोग अपने मित्रों, संबंधियों और शत्रुओं तक को कठिन परिस्थिति से निकालने का भाव रखते हैं। यह सभ्य होते हैं। इन्हें दुनियादारी से मतलब नहीं होता है। यह लोग अपने में मग्न रहते हैं।
पलक के बीच में तिल –
समुद्र शास्त्र यह मानता है कि पलक के बीच में तिल व्यक्ति को आलसी बनाता है। ऐसा व्यक्ति जीवन में बहुत कुछ हासिल करने के लायक होने के बावजूद भी आलस की वजह से पीछे रह जाता है। इन लोगों के कई दोस्त होते हैं। परिवार के प्रति यह लोग बहुत भावुक होते हैं। ऐसे लोगों का स्वभाव बहुत खुशमिजाज होता है।
पलक के ऊपरी हिस्से पर तिल –
जिन लोगों के पलक के ऊपरी हिस्से पर तिल होता है वह घमंडी होते हैं। ऐसे लोगों को सिर्फ अपनी कामयाबी से मतलब होता है। इनका हृदय कठोर होता है। यह जीवन में एक-दो बार ही भावुक महसूस करते हैं। इनकी कोशिश होती है कि यह किसी से ज्यादा बात न करें और न ही मित्र बनाएं।
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