जिला गंगा समिति बलिया द्वारा आयोजित जनजागरूकता गंगा यात्रा (2-4 अक्टूबर, 2020)


बलिया। भारत सरकार के जल मंत्रालय द्वारा संचालित नमामि गंगे योजना के तहत जिला गंगा समिति बलिया के तत्वाधान में गंगा के किनारे अवस्थित गाँवों की समस्याओं को निकट से भौतिक रूपमें जानने एवं समझने एवं un tv उनका समाधान करने, गाँव की विकास योजनाओं को सम्पूर्ण जानकारी देने तथा उनका क्रियान्वयन करने और गंगा में हो रहे प्रदूषण की सम्यक जानकारी प्राप्त करने हेतु 2 से 4 अक्टूबर तक जनजागरूकता गंगा यात्रा का आयोजन किया गया।



2 अक्टूबर को इस महत्वपूर्ण यात्रा का शुभारम्भ कोरण्टाडीह डाँकबंगला से खेल, युवा कल्याण एवं पंचायती राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री उपेन्द्र तिवारी द्वारा विधिवत माँ गंगा की पूजा-अर्चना करके किया गया। इस गंगा यात्रा में जिलाधिकारी महोदय सहित इस यात्रा के संयोजक डीएफओ बलिया सहित जिला स्तर, तहसील स्तर, विकासखण्ड स्तर एवं पंचायत स्तर के सभी कर्मचारी शामिल हुए। पर्यावरण विशेषज्ञ के रूपमें जिला पर्यावरण समिति के सदस्य पर्यवरणविद् डाॅ० गणेश कुमार पाठक, डाॅ० इफ्तकार खाँ, असित मिश्रा, जय प्रकाश उपाध्याय सहित अनेक गणमान्य लोग एवं गंगा के किनारे स्थित सभी ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान भी सम्मिलित रहे।



प्रथम दिन की यात्रा बेलतीपार (बसंतपुर ग्राम पंचायत) से प्रारम्भ हुई, जहाँ गंगा बलिया जनपद की सीमा में प्रवेश करती है। यहां से यात्रा प्रारम्भ होकर प्रथम पड़ाव उजियार घाट में हुआ, जहाँ मंत्री श्री उपेन्द्र तिवारी सहित सभी अधिकारी गण गाँव में पहुँच कर समस्याओं एवं विकास कार्यों की जानकारी ली और उचित सुझाव दिए गये। इसके बाद भरौली में जनजागरूकता चौपाल का आयोजन किया गया, जहाँ माननीय मंत्री श्री उपेन्द्र तिवारी ने विकास योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु अधिकारियों को निर्देश दिया और ग्रामप्रधानों को भी अपने कर्तव्य के प्रति उत्तरदायी होने की अपील की। यात्रा के दौरान भी बोट पर ही ग्राम प्रधानों से भी समस्याओं के बारे में जानकारी ली गयी और अधिकारियों से उनका निराकरण करने हेतु निर्देशित किया गया। पर्यवरणविद् डाॅ० गणेश कुमार पाठक द्वारा गंगा जल में हो रहे विभिन्न तरह के प्रदूषणों के कारणों एवं उनके दुष्प्रभावों की चर्चा करते हुए चौपाल में आए लोगों से अपील की गयी कि वो ऐसा कोई भी कार्य न करें एवं ऐसी कोई भी वस्तु गंगा में न डालें जिससे गंगा प्रदूषित हो। प्रथम दिन की यात्रा महाबीर घाट बलिया के सामने आकर समाप्त हुई। प्रथम दिन की यात्रा में गंगा नदी में एक सुखद बात यह दिखाई दी कि उजियार से लेकर बलिया शहर के सामने तक गंगा में लगभग 50 से अधिक डाल्फिन (सोंस) दिखाई दी, जो समाप्ति के कगार पर थी। यह सम्भवतः कोरोना काल में हुए लाँकडाउन का प्रभाव है, जिसके चलते सारी गतिविधियाँ बंद हो जाने से गंगा नदी के प्रदूषण का स्तर काफी कम हो गया और इन दुर्लभ डाल्फिनों को जीने की संजीवनी मिल गयी, क्योंकि ये प्रदूषित जल में नहीं रह पाती हैं।




गंगा यात्रा के दूसरे दिन यात्रा के मुख्य अतिथि रहे ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) माननीय मंत्री श्री आनन्द प्रकाश शुक्ल, जिन्होंने हरी झण्डी दिखाकर यात्रा का शुभारम्भ किया और पूरी यात्रा साथ रहकर न केवल उत्साहवर्द्धन करते रहे, बल्कि अपने उद्बोधन से समस्याओं के निराकरण हेतु एवं विकास योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु सुझाव एवं निर्देश भी देते रहे। इस दिन की यात्रा का प्रथम पड़ाव गंगापुर में हुआ, जहाँ जनजागरूकता चौपाल के माध्यम से ग्रामवासियों को विभिन्न तरह की विकासजन्य जानकारी अधिकारियों द्वारा दी गयी। खासतौर से बेलहरी ब्लाक में की जा रही जैविक खेती के विकास हेतु कृषि उपनिदेशक द्वारा विस्तृत जानकारी दी गयी एवं मंत्री शुक्ला जी द्वारा अपने उद्बोधन में सभी समस्याओं का निराकरण कर विकासजन्य कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण करने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया गया। जिलाधिकारी महोदय द्वारा इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की गयी। इस अवसर पर पर्यवरणविद् डाॅ० गणेश कुमार पाठक द्वारा जैविक खेती आवश्यक क्यों है, इस पर चर्चा की गयी। अगला पड़ाव दूबेछपरा, गोपालपुर रहा, जहाँ पर बैरिया विधायक श्री सुरेन्द्र सिंह जी द्वारा विशाल जनसमूह के साथ यात्रा का स्वागत किया गया एवं तत्पश्चात जनजागरूकता चौपाल में आए विभिन्न गाँवों के ग्राम प्रधानगण एवं आम जनता से भी विचार विमर्श कर समस्याओं को सुना गया एवं उनके निस्तारण तथा विकासजन्य अधूरे कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया।




नमामि गंगे योजना के तहत जनजागरूकता गंगा यात्रा के तीसरे दिन यह यात्रा दूबेछपरा, गोपालपुर से बैरिया विधायक माननीय सुरेन्द्र सिंह द्वारा झंडा दिखाकर शुभारम्भ किया गया, जिसका पहले पड़ाव में बहुआरा, सतीचौरा घाट पर जन जागरूकता चौपाल लगाकर गंगा किनारे स्थित गाँवों की समस्याओं को देखकर एवं सुनकर उनके समाधान हेतु विचार विमर्श किए गया। जिले के सभी अधिकारी अपने-अपने विभाग से संबंधित समस्याओं के निराकरण हेतु अपनी प्रतिबद्धता जताई। सभी समस्याओं के निराकरण कराने हेते विधायक सुरेन्द्र सिंह ने सभी अधिकारियों को सचेष्ट किया। गंगा को प्रदूषणमुक्त करने हेतु आम जनता की भागीदारी पर विशेष जोर देते हुए पूर्व प्राचार्य एवं पर्यावरणविद् डाॅ० गणेश पाठक ने जन-जन से सहयोग करने की अपील की तथा कहा कि हम कोई भी ऐसी वस्तु गंगा में न डालें, जिससे गंगा जल प्रदूषित हो। गंगा हमारी माँ है और माँ हमें हर तरह का पोषण देती है। माँ हमरी दैहिक, दैविक, भौतिक एवं तापजन्य कष्टों को दूर कर हमें सुखी एवं स्वस्थ बनाती है।



चौपाल में विचार विमर्श के पश्चात यात्रा पुनः प्रारम्भ होकर सिताबदियारा के सामने से होती हुई गंगा एव़ सरयू के संगम से गुजरते हुए सारण, बिहार स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी के पैतृक आवास पर गयी, जहाँ बिहार सरकार एवं भारत सरकार द्वारा निर्मित उनके स्मारक स्थल एवं विभिन्न दृश्यावलियों सहित खप्पर निर्मित उनके मूल पैतृक आवास का अवलोकन कर गंगा यात्रा के सभी सहभागी भावविभोर हो गये। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य गंगा को प्रदूषण से बचाने एवं गंगा किनारे स्थित गाँवों की समस्याओं के निराकण हेतु विभिन्न योजनाओं को जनता से बताकर उनके समाधान हेतु जनजागरूकता पैदा करना था। इस तीन दिवसीय गंगा यात्रा में जिला स्तर, तहसील स्तर, विकासखंड स्तर एवं गाँव पंचायत स्तर के सभी अधिकारियों, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री श्री उपेन्द्र तिवारी एवं श्री आनन्द प्रकाश शुक्ल तथा विधायक श्री सुरेन्द्र सिंह एवं ग़ंगा किनारे स्थित सभी ग्राम प्रधानों, समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों एवं आम जनता के जुड़ने से समस्याओं नजदीक से एवं प्रत्यक्ष भौतिक रूप से अधिकारियों को जानने एवं समझने का मौका, जिसके निराकरण के प्रति उन्होंने अपनी प्रतिबद्धता जताई। इस तरह यह यात्रा अपने उद्देश्यों में सफल रही। किन्तु इस गंगा जागरूकता यात्रा को पूर्णतः सफल तब माना जायेगा, जब हम सब वास्तव में समस्याओं का निराकरण करा पायेंगे और गंगा के किनारे अवस्थित सभी गाँवों को समग्र विकास के पथ पर अग्रसर कर सकेंगें।


हर-हर गंगे



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