सिकन्दरपुर (बलिया) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकन्दरपुर का परिसर कुल मिला कर कुत्तों सहित आवारा जानवरों का अभयारण्य बन गया है। परिसर में खुलेआम कुत्तों एवं गायों के मंडराने से मरीजों सहित परिजनों की जान सांसत में रहती है।
आवारा पशुओं के आवाजाही पर कोई रोक-टोक नहीं है। यत्र-तत्र मंडराते आवारा कुत्ते और सूअर, गाय इत्यादि से जहां संक्रमण का खतरा रहता है वहीं ये मरीजों को कई तरह से नुकसान पहुंचाते हैं। गौरतलब है कि तमाम स्टाफों के रहते इन जानवरों का परिसर सहित अस्पताल भवन में घूमना मरीजो के लिए परेशानी का सबब जैसा है। लोगो मे भय व्याप्त है कि अगर लापरवाही वश कोई नवजात इन आवारा कुत्तों के जद में आ गया तो उसे जान तक गवानी पड़ सकती है। जिस अस्पताल में आवारा कुत्ते घूम रहे है कभी कभी वह एन्टी रैबीज का इंजेक्शन भी नही रहता है। आलम यह कि रात के समय जब आप अस्पताल पहुंचेंगे तो बेड सहित डॉक्टर के मेज पर आपको कुत्ते आराम करते नज़र आते हैं।
परिजनों को रखनी पड़ती है विशेष नजर :
अस्पताल के प्रसव वार्ड के आगे कुत्तों का आना जाने से मरीज व परिजन परेशान नजर आते हैं। परिजनों ने बताया कि खाने की तलाश में ये आवारा पशु मरीज तथा नवजात को नुकसान पहुंचाने की कोशिश से बाज नहीं आते। इस कारण मरीजों की सुरक्षा का हमें विशेष तौर पर ध्यान रखना पड़ता है। बार बार शिकायत करने पर भी अस्पताल प्रशासन द्वारा इस पर कोई ठोस कार्यवाही नही होती।
रिपोर्ट अभिषेक तिवारी सिकंदरपुर
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