डीएम ने सभी एसडीएम तहसीलदार को जारी किए दिशा-निर्देश


क्रय केंद्र, कोटेदार व बैंक में सोशल डिस्टेंस पर विशेष जोर


बलिया। जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने बताया कि वर्तमान में लाॅकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेन्सिंग बनाए रखने के लिए जो चुनौतियां हैं उनमें प्रमुख रूप से गेहूॅं क्रय केन्द्रों का संचालन, उचित दर की दुकानों के माध्यम से निःशुल्क खाद्यान्न वितरण, बैंको का व्यवस्थित संचालन आदि है। इसके लिए सभी एसडीएम को यह निर्देश दिया गया है कि स्वयं के अलावा तहसीलदार, नायब तहसीलदार के माध्यम से कम से कम एक-एक गेहूॅं क्रय केन्द्र पर प्रतिदिन निरीक्षण करें। इसके अलावा रोज एक उचित दर दुकान तथा बैंको का भी जायजा लें।


जिलाधिकारी ने बताया कि उचित दर दुकानों के माध्यम से समस्त कार्डधारकों को 5 किग्रा प्रति यूनिट की दर से निःशुल्क खाद्यान्न वितरण 15 से 25 अप्रैल के बीच किया जाना है। सोशल डिस्टेन्सिंग सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही कार्ड नम्बर के अन्तिम अंक के आधार पर तिथि निर्धारित की जा चुकी है। पारदर्शी तरीके से वितरण के लिए जिला प्रशासन और आपूर्ति विभाग लगातार प्रयास कर रहा है और लापरवाही पर 15 अप्रैल को दो कोटेदारों को निलंबित किया जा चुका है। 


स्टेट बैंक का किया निरीक्षण, बताए नियम


बलिया: जिलाधिकारी ने गुरुवार को भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा और उसके सामने स्थित ग्राहक सेवा केन्द्र का निरीक्षण किया। उन्होंने वहां मौजूद लोगों से भी सोशल डिफेंस बनाए रखने की अपील की। बताया कि बैंकों पर सोशल डिस्टेन्सिंग सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से खाता नम्बर के अन्तिम अंक के आधार पर दिन निर्धारित किया गया है, जो अन्तिम अंक 0-1 सोमवार, 2-3 मंगलवार, 4-5 बुधवार, 6-7 वृहस्पतिवार, 8-9 शुक्रवार है। इसमें रोज प्रथम अंक के खाताधारक को सुबह 10 बजे से 1 बजे तक तथा द्वितीय अंक के खाता धारक को दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक बैंक द्वारा सेवाएं दी जा रही हैं। 

आसानी से ऑनलाइन आवेदन के लिए लिए हर न्याय पंचायत में सीएससी


जिलाधिकारी ने बताया कि गेहूं विक्री के लिए लगभग साढे छह हजार किसानों ने आनलाईन आवेदन किया गया है, जिसमें से एक हजार से अधिक का सत्यापन तहसीलों से किया जा चुका है। शेष आवेदनों को अभियान चलाकर जल्द ही सत्यापित कराने के लिए सभी एसडीएम के स्तर से कार्यवाही की जा रही है। आनलाईन आवेदन को सुविधाजनक बनाये जाने के लिए जनपद में प्रत्येक न्याय पंचायत में एक-एक काॅमन सर्विस सेण्टर को खोले जाने की सशर्त अनुमति इस आधार पर दी गयी है कि सोशल डिस्टेन्सिंग का अनुपालन सुनिश्चित करेगें। गत वर्ष 98 गेहूॅं क्रय केन्द्रों के सापेक्ष इस वर्ष अभी तक 75 गेहूॅं क्रय केन्द्र खुले हैं। और 13 क्रय केन्द्र खुलने की प्रक्रिया में हैं। इसके अतिरिक्त अन्य केन्द्र विभिन्न समितियों, एफपीओ/एफपीसी के माध्यम से खोले जाने का प्रयास किया जा रहा है।

13 से 14 रुपये में बेहतर मास्क उपलब्ध कराने का प्रयास


जिलाधिकारी ने बताया कि लाॅकडाउन के द्वितीय चरण में कृषि कार्य के अलावा अन्य कई जरूरी कार्य में थोड़ी छूट दी गई है। बशर्ते सोशल डिस्टेंस का पालन हो। बताया कि लाख डाउन साफ होने के बाद भी चेहरे पर मास्क या गमछा लगाकर चलना होगा। सफाई से रहना तो हम सबको अपनी आदत में लाना होगा। उन्होंने कहा, हमारा प्रयास है कि पुनः प्रयोग किया जाने वाला सूती कपड़े के मास्क की उपलब्धता उचित दर हो सके। इसके लिए डूडा व डीआरडीए द्वारा संचालित महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से मास्क बनाया जा रहा है। इसके माध्यम से लगभग एक मास्क 13 से 14 रूपया में उपलब्ध हो सकता है। सबसे बड़ी बात कि इससे आसानी से उपलब्ध होने का साथ इन महिलाओं को रोजगार भी मिल जाएगा।


कमजोर वर्ग को जिला प्रशासन बांटेगा ढाई लाख मास्क


बतौर डीएम, 'जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि कमजोर वर्ग के लोगों को दो-दो मास्क अपनी ओर से सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं/व्यक्तियों के सहयोग से उपलब्ध कराया जाय। इसमें जनपद के 83 हजार मनरेगा जाब कार्डधारक, एक लाख से अधिक अन्त्योदय कार्डधारक, नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने वाले करीब चार हजार सफाई कर्मचारी, बेघर निराश्रित व दैनिक मजदूरी करने वाले व्यक्ति जिन्हें शासन के स्तर से 1000 की सहायता दी जा रही है, ऐसे आठ हजार व्यक्तियों, विभिन्न स्लम एरिया में निवास करने वाले लगभग बीस हजार लोग, गेहूॅं क्रय केन्द्रों तथा मण्डी आदि के पल्लेदारों व दैनिक मजदूरी करने वाले लगभग पांच व्यक्तियों सहित कुल ढाई लाख व्यक्तियों को निःशुल्क काटन का मास्क दिया जाएगा।


 


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