चीन से फैक्ट्रियां हटा रहे कई देश, फायदा उठाने की तैयारी में भारत


सरकार ने अपने मैन्युफैक्चिरिंग सेक्टर में सुधार करते हुए अमेरिका और जापान के देशों को आकर्षित करने की रणनीति पर काम शुरू किया है। खासतौर पर फार्मास्युटिकल्स और ऑटोमोबाइल्स सेक्टर में चीन के विकल्प के तौर पर उभरने की भरपूर संभावनाएं हैं।


कोरोना वायरस के संकट के चलते दुनिया की व्यापारिक स्थिति में आने वाले समय में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। जापान समेत दुनिया के कई देश चीन में स्थित अपनी मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज को हटाकर अन्य क्षेत्रों में लगाने की तैयारी कर रहे हैं। इस स्थिति का फायदा उठाने के लिए अब भारत सरकार भी सक्रिय नजर आ रही है। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन से हटने वाली इंडस्ट्रीज को किस तरह से भारत में आने के लिए प्रेरित किया जाए, इस पर चर्चा के लिए कई दौर की मीटिंग हो चुकी है।


पूरे मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि जापान जैसे देश पहले ही अपनी मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को चीन केंद्रित न रखने की रणनीति पर काम करने लगे हैं। अब ये देश अपनी सप्लाई चेन के लिए नई डेस्टिनेशंस की तलाश में हैं। ऐसे में सरकार ने अपने मैन्युफैक्चिरिंग सेक्टर में सुधार करते हुए इन्हें आकर्षित करने की रणनीति पर काम शुरू किया है। खासतौर पर फार्मास्युटिकल्स और ऑटोमोबाइल्स सेक्टर में चीन के विकल्प के तौर पर उभरने की भरपूर संभावनाएं हैं। अधिकारी ने कहा कि सरकार इसके जरिए देश में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने और एक्सपोर्ट हब के तौर पर स्थापित कर विदेशी मुद्रा कोष के भंडार को बढ़ाने की रणनीति पर काम करना चाहती है।


बता दें कि बीते सप्ताह ही जापान सरकार ने ऐलान किया था वह अपने देश की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को 2.2 बिलियन डॉलर का पैकेज जारी किया था। यह पैकेज इंडस्ट्री को इसलिए जारी किया गया है कि वे मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को चीन से इतर अन्य जगहों पर ट्रांसफर करें। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते प्रभावित हुई मैन्युफैक्चरिंग की वजह से सप्लाई चेन भी प्रभावित हुई है।


शीर्ष अधिकारी ने कहा कि सरकार इस बात पर नजर बनाए हुए है कि अमेरिका समेत कई देशों की सप्लाई चेन कोरोना वायरस के चलते प्रभावित हुई है और वे अब वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर भी विचार कर रहे हैं। ऐसी स्थितियों के लिए भारत बेहद अहम साबित हो सकता है और कई देशों की ओर से भारत में मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को स्थापित करने के लिए प्राथमिकता दी जा सकती है।


साभार- जनसत्ता


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