*सर्पदंश से बचाव (क्या करें, क्या ना करें)*
राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण एवं उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण द्वारा सर्पदंश की घटनाओं से बचाव के दृष्टिगत एडवाइजरी जारी की गई है।
*सर्प के काटने पर तुरन्त क्या करेंः* -
*काटे गये जगह को साबून व साफ़ पानी से धोए।
*दांत के निसान की जॉच करें कहीं जहरीले सर्प के काटने का दो दंत का निशान तो नही।
*काटे हुए अंग को हृदय के लेवल से नीचे रखें।
*सर्पदंश वाले अंग को फिक्स करें।
*पीड़ित व्यक्ति को सांत्वना दे।
*घबराहट से हृदय गति तेज चलने से रक्त संचरण तेज हो जायेंगा और जहर सारे शरीर में जल्द फैल जयेगा, तुरंत अस्पताल लें जाए।
*क्या न करें-*
*बर्फ अथवा अन्य गर्म पदार्थ का इस्तेमाल काटे गये स्थान पर न करें।
*काटे गये स्थल पर चीरा न लगाए, यह आगे नुकसान पहुॅचाता है, घायल को चलने से रोकें, शराब/नींद आने की कोई दवा नहीं दें, मुंह से कटे हुये स्थान को न चुसें, मंत्र या तांत्रिक के झांसे में न आये, भय एवं चिन्ता न करें सभी सॉप जहरीले नहीं होते है।
*जॉच करें कि जहरीले या विषहीन सॉप ने काटा है।
*सॉप के विष के अनुसार एंटी वेनम (इंजेक्शन) लगवाया जाय।
नोट-विषहीन सॉप के काटने से भी घाव के आसपास सुजन और खुजलाहट होती है।
*जहरीले सर्प के काटने पर लक्षण* -
स्पैक्टेक्लैड कोबरा
*रूधितंत्र पर असर करने वाला जहर।
*काटे गये जगह पर दर्द
*नींद आना।
*सांस लेने में परेशानी।
*बंद होती पलकें
*नेक्रोसिस (शरीर के कोषिकाओं की मृत्यु) पक्षाघात।
*मुॅह परा झाग का आना
निगलने में परेशानी
कामन करैत-
*रूधितंत्र पर असर करने वाला जहर
*नींद आना
*सांस लेने में परेशानी
*बंद होती पलकें
*निगलने में परेशानी पक्षाघात
*जी मिचलाना
*पेट में अत्यधिक दर्द
स्केल्ड वाइपर-
*उत्तक को नष्ट करने वाला जहर
*काटे गये स्थान पर जलन एवं दर्द।
*पीठ के निचले भाग एवं लोइन (पसली एवं कमर के हड्डी के बीच वाली जगह पर दर्द)
*मानसिक क्षति के कारण आन्तरिक कोषिकाओं एवं वाह्य कोषिकाओं में रक्तस्राव।
*अत्यधिक सूजन।
*काटे गये स्थान पर तेजी से जलन।
*अत्यधिक नेक्रोसिस (शरीर के कोषिकाओं की मृत्यु)
*दो कारणों से सॉप काटते है-*
*आहार (भोजन) के लिये’
*भय और आत्मरक्षा के लिये (करैत के द्वारा बिस्तर पर भी काटने की घटना होती है)
*सॉप को दूर रखने के तरीके-*
*सॉप के बील में कार्बोलिक एसिड डाल दें, उसके गंध से सॉप दूर हो जाते है।
*मुर्गी के चूजे और चूहे को घरों से दूर रखें।
सर्पदंस के बारे में जानकारी ही बचाव है।
नोट :- अगर सर्पदंस से किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो पोस्ट मॉर्टम अवश्य कराया जाय। सरकार द्वारा परिजन रूपये-04 लाख की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
0 Comments