एक बेलपत्र से ही शिवजी क्यों हो जाते हैं खुश? जानें इसके पीछे की पौराणिक कथा


महाशिवरात्रि की पूजा में बेलपत्र का विशेष महत्व है। जो भी भक्त बेलपत्र और जल से भगवान भोलेनाथ की पूजा करता है उसकी हर मुराद पूरी हो जाती है।

इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी 2023 को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इसी दिन महादेव और मां गौरी का विवाह संपन्न हुआ था। शिव भक्तों के लिए यह बेहद ही पावन और बड़ा दिन होता है। महाशिवरात्रि के मौके पर देश भर के तमाम शिव मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। कहते हैं कि शिवरात्रि के अवसर पर 12 ज्योर्तिलिंग के दर्शन करने से भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का अत्याधिक महत्व है। इस दिन जो भी व्यक्ति सच्चे दिल से शिवशंकर की उपासना करता है उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। 

शिवजी की पूजा में बेलपत्र और जल का महत्व

भगवान भोलेनाथ सभी देवी-देवताओं में सबसे भोले कहलाए जाते हैं। कहते हैं कि वो भक्तों से अतिशीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। शिवजी की पूजा के लिए एक लोटा जल और बेलपत्र ही काफी होता है। भोलेनाथ इसी से खुश होकर भक्तों को मनचाहा वरदान दे देते हैं। शिवजी की पूजा बेलपत्र के बिना अधूरी मानी जाती है तो इसलिए शिवरात्रि पर शिवलिंग पर जल और बेलपत्र जरूर चढ़ाएं।

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, शिव जी को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने बिना अन्न और जल के कठोर तपस्या की थी। इस दौरान मां गौरी शिवलिंग पर एक लोटा जल और बेलपत्र चढ़ाकर भोलेनाथ की अराधना करती थीं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती ने ही सबसे पहली बार शिवजी के चरणों में बेलपत्र अर्पित किया था। कहते हैं कि जो भी भक्त केवल जल और बेलपत्र से भी महादेव की पूजा करता है उसका जीवन सुखमय हो जाता है। इतना ही नहीं उसे एक शिव-गौरी के समान जीवनसाथी मिलता है।

महाशिवरात्रि पर शिवजी की पूजा के दौरान इन मंत्रों का करें जाप

1. ओम हौं जूं स: ओम भूर्भुव: स्व: ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवद्र्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ओम स्व: भुव: ओम स: जूं हौं ओम॥ 

2. ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।

3. ओम नम: शिवाय 

4. कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्। सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।

डिस्क्लेमर : ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। 

साभार - इण्डिया टीवी 



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