बलिया : हड्डियों में लगातार दर्द रहने पर बोन टीबी की कराएं जांच : डॉ0 आनन्द कुमार


बलिया, 19 दिसम्बर 2022। टीबी केवल फेफड़ों में ही नहीं होती है, बल्कि यह शरीर के किसी भी भाग में हो सकती है। लंबे समय तक हड्डियों में दर्द हो रहा हो तो यह टीबी भी हो सकती है। इसे हड्डियों की टीबी यानी बोन टीबी कहा जाता है। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ0 आनन्द कुमार ने दी।

उन्होंने बताया कि जिले में अभी 3339 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है। इसमें से 87 एमडीआर टीबी के रोगी हैं। जनवरी 2022 से अब तक कुल 5365 टीबी रोगी नोटिफाई किये जा चुके हैं। निक्षय पोषण योजना के तहत अभी तक 4965 क्षय रोगियों को 3 करोड़ 27 लाख 53 हजार का भुगतान किया जा चुका है।

यदि कोई मरीज पीठ दर्द व अन्य जोड़ों के दर्द से परेशान हैं, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। तुरंत टीबी जांच केंद्र पर जांच करवानी चाहिए। यह बोन टीबी भी हो सकती है। उन्होनें बताया की टीबी दो प्रकार की होती है। पल्मोनरी और एक्स्ट्रापल्मोनरी। जब टीबी फेफड़ों के अलावा शरीर के किसी अन्य अंग में होती है तो इसे एक्स्ट्रापल्मोनरी टीबी कहते हैं। 

उन्होंने बताया कि टीबी एक संक्रामक रोग है। यह माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु के कारण होता है। यह मुख्य रूप से फेफड़ों और पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। शरीर के अन्य अंगों में भी टीबी हो सकता है। हड्डियों में लगातार दर्द बोन टीबी के संकेत हो सकते हैं ऐसे में तुरंत जांच करवानी चाहिए। बोन टीबी की विभिन्न श्रेणियां होती हैं, जैसे रीढ़ में, कूल्हे के जोड़ में, कोहनी में, घुटने के जोड़ में, टखने के जोड़ में एवं ऊपरी भाग में आदि। विभिन्न प्रकार की हड्डी की टीबी के लिए अलग-अलग उपचार की विधि उपलब्ध हैं। जनपद में 2022 में जनवरी से अभी तक बोन टीबी के 52 मरीज मिले हैं, जिनमें से 15 का इलाज पूर्ण हो चुका है।

जिला पीपीएम समन्वयक विवेक सिंह ने बताया कि जोड़ों का दर्द, वजन कम होना, थकान, लगातार हल्का बुखार रहना टीबी के संकेत हो सकते हैं। टीबी की पुष्टि होने पर पौष्टिक आहार के लिए उसके बैंक खाते में निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि टीबी का उपचार लंबा होता है इसलिए रोगी को बीच में इसका उपचार छोड़ना नहीं चाहिए।

 क्या होता है क्षय रोग :-

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूंख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं।

क्या कहा लाभार्थियों ने :-

जापलिनगंज निवासी 42 वर्षीय सुनील तिवारी ने बताया कि मुझे बुखार के साथ शरीर में बहुत दर्द हो रहा था। मुझे लगा कि यह साधारण सी बात है। फिर मैं जिला क्षय नियंत्रण केन्द्र गया। जांच कराया तो जांच में टीबी रोग की पुष्टि हुई और टीबी का इलाज शुरू हो गया। इलाज से मुझे बहुत आराम पहुंचा है। 

उदयपुरा नई बस्ती निवासी आठ वर्षीय अरमाना खातून ने बताया कि मुझे शरीर में दर्द की वजह से बहुत परेशानी हो रही थी। जिला क्षय नियंत्रण केन्द्र पर मेरी जांच कराई गयी, जाँच में टीबी रोग की पुष्टि हुई। मैं लगातार दवा खा रही हूँ, अब मेरी तबीयत में सुधार है। मुझे सरकारी सेवा का लाभ मिल रहा है।



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