नवरात्रि में क्यों रखा जाता है व्रत? जानें इसके पीछे का कारण



नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है। इस पूजा को विधि-विधान के साथ किया जाता है। आपको बता दें कि इन नौ दिनों में कई सारे लोग हर नौ दिन व्रत रखते हैं वहीं कुछ लोग नवरात्रि के आखिरी दो दिन व्रत रखते हैं। इस व्रत को रखने के पीछे क्या कारण है इस लेख में हम आपको बताएंगे।

क्या है नवरात्रि मनाने का कारण ?

आपको बता दें कि नवरात्रि मनाने का कारण सिर्फ धार्मिक मान्यताओं से ही नहीं है बल्कि इसके साथ- साथ प्रकृति में परिवर्तन भी है। हर साल भारत में दोनों प्रमुख नवरात्रि को हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महिषासुर का वध माता दुर्गा ने किया था इस कारण से नवरात्रि मनाई जाती है।

नवरात्रि के नौ दिनों में लोग व्रत, पूजन और हवन करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत से मन की शांति मिलती है साथ ही देवी माता की कृपा बनी रहती है। कई लोग नवरात्रि में घट स्थापना और हवन भी विधि- विधान के साथ करते हैं। 

क्यों रखा जाता है नवरात्रि में व्रत?

आपको बता दें कि मान्यता है कि नवरात्रि का व्रत रखने से आत्मा की शुद्धि होती है और मन की शांति बनी रहती है। इसके साथ ही यह व्रत रखने से मानसिक, शारीरिक और धार्मिक सभी प्रकार से लाभ मिलता है। नवरात्रि के व्रत से शरीर तो स्वस्थ रहता ही है मन में चिंता का भाव भी कम रहता है। ऐसा माना जाता है कि लोग नौ दिनों तक व्रत रखते है जिससे स्वास्थ्य समस्याएं भी कम होती हैं।

इस व्रत से शारीरिक शुद्धि भी होती है। जो लोग नौ दिनों का व्रत नहीं रखते हैं उनमें से कई लोग नवरात्रि के आखिरी के दो दिनों का व्रत रखते हैं। नवरात्रि के उपवास में कई लोग साबूदाना की खिचड़ी, कट्टु के आटे की पूड़ी खाते हैं। इसके अलावा भी कई तरह के भोग लोग बनाते हैं और सबसे पहले माता की पूजा करके और उन्हें भोग लगाकर फिर खुद भोजन करके व्रत को विधि-विधान के साथ खत्म करते हैं। 

क्या है नवरात्रि में व्रत रखने की पौराणिक कथा?

आपको बता दें कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार व्रत रखने की यह परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। आपको बता दें कि हिंदू पुराणों के अनुसार माता दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए देवताओं ने भी नवरात्रि के व्रत किए थे। इंद्र देव ने भी राक्षस वृत्रासुर का वध करने के लिए माता दुर्गा की पूजा की थी और नवरात्रि में व्रत रखा था।

यही नहीं भगवान विष्णु ने असुर मधु का वध करने के लिए नवरात्रि का व्रत किया था। इसके अलावा महाभारत में कौरवों पर विजय पाने के लिए पांडवों ने यह व्रत किया था। इस व्रत को करने से माता की कृपा उन पर बनी थी जिससे इन्हें विजय प्राप्त हुई थी। 

साभार-हरजिन्दगी



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