चाणक्य नीति : खुशहाल दांपत्‍य चाहते हैं तो पति-पत्‍नी करें ये काम, कभी खत्‍म नहीं होगा प्‍यार!


आचार्य चाणक्‍य ने खुशहाल दांपत्‍य के लिए पति-पत्‍नी को कुछ बातें अपनाने की सलाह दी है. इससे कपल के बीच हमेशा प्‍यार बना रहता है.  

महान अर्थशास्‍त्री, कूटनीतिज्ञ और व्‍यवहारिक बातों के मार्गदर्शक आचार्य चाणक्‍य ने अपने नीति शास्‍त्र में दंपत्तियों के लिए कई बातें बताई हैं. चाणक्‍य नीति में बताया गया है कि पति-पत्‍नी को खुशहाल विवाहित जीवन के लिए किन बातों का पालन करना चाहिए और किन बातों से बचना चाहिए. यदि पति-पत्‍नी में से कोई एक भी यदि गड़बड़ करता है तो दांपत्‍य जीवन में समस्‍याएं होने लगती हैं. घर की शांति भंग हो जाती है. आज चाणक्‍य नीति में बताई गई उन बातों के बारे में जानते हैं, जिन्‍हें पति-पत्‍नी अपनाएं तो उनके बीच कभी प्‍यार कम नहीं होता है. 

पति-पत्‍नी फॉलो करें ये बातें :- 

केवल प्‍यार नहीं, सम्‍मान भी करें : पति-पत्‍नी एक-दूसरे खूब प्‍यार करें, यह अच्‍छी बात है लेकिन वे एक-दूसरे का सम्‍मान करें, यह बहुत जरूरी है. यदि पति-पत्‍नी के रिश्‍ते में एक-दूसरे के प्रति सम्‍मान न हो तो दांपत्‍य में कभी न कभी समस्‍या आती ही है. एक-दूसरे के लिए सम्‍मान पति-पत्‍नी के रिश्‍ते को मजबूत करता है. 

अहम न रखें : पति-पत्‍नी के रिश्‍ते में अहम होना, रिश्‍ते को बर्बाद कर सकता है. हमेशा इससे बचें. विवाहित जीवन तभी अच्‍छा चलता है जब पति-पत्‍नी दोनों को बराबर का दर्जा मिले और दोनों प्रतियोगी बनकर नहीं, बल्कि साथ मिलकर जीवन को आगे बढ़ाएं. दूसरे को कमतर समझना दांपत्‍य को तबाह कर सकता है. 

गोपनीयता : पति-पत्‍नी को कभी भी अपनी बातें दूसरे को नहीं बताना चाहिए. उन्‍हें अपनी बातें अपने तक ही सीमित रखना चाहिए. इससे सम्‍मान भी कम होता है और रिश्‍ते पर बुरा असर भी पड़ता है. 

धैर्य : पति-पत्‍नी सुख-दुख के साथी होते हैं. जीवन के हर उतार-चढ़ाव को मिलकर झेलते हैं. इसलिए दोनों में धैर्य होना जरूरी है. यदि एक साथी हिम्‍मत खोए तो दूसरा धैर्य रखकर उसे संभाले, तभी उनका जीवन हर मुश्किल को पार करके भी खुशहाल बन सकता है. 

Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. 



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