चाणक्य नीति : वैवाहिक जीवन को तबाह कर सकती है पति-पत्नी की ये 7 आदतें


चाणक्‍य नीति आज तक की सबसे अधिक दार्शनिक और सत्यता को बताने वाली पुस्तक मानी जाती है। इसमें जिंदगी के हर पहलू से जुड़ी बातों को समझाया गया है। जहां यह पुस्तक हमें अच्छी बातें अपनाने को कहती है, वहीं दूसरी ओर हमें नुकसान पहुंचाने वाली बातों से दूर रहने की चेतावनी भी देती है। 

नीतिशास्त्र की बातें लोगों को कटु अवश्य लगती हैं, लेकिन यह जीवन की सच्चाई से अवगत कराती है। चाणक्य द्वारा रचित नीतिशास्त्र में जीवन के हर क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण बातों का जिक्र है। अगर कोई व्यक्ति इन बातों का ध्यान रखता है तो व्यक्ति समस्याओं से तो बच ही सकता है साथ ही एक संतुष्ट और सफल जीवन भी व्यतीत कर सकता है। 

चाणक्य नीति में रिश्तों से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातों का भी जिक्र मिलता है जिसे मनुष्य यदि अपने जीवन में उतार ले तो उससे ज्यादा सुखी इंसान इस धरती पर कोई नहीं है। पति-पत्नी का रिश्ता काफी महत्वपूर्ण होता है और साथ ही मजबूत भी लेकिन कुछ ऐसी बातें हैं जिसके कारण पति-पत्नी के बीच मन-मुटाव की स्थिति बन जाती है। ऐसे में पति-पत्नी को अपने रिश्ते को और बनाने के लिए कुछ बातों का ध्यान देना चाहिए। 

पति-पत्नी की वो 7 आदतें जिनसे बर्बाद हो सकती है वैवाहिक जीवन : 

अहंकार से दूर रहें : चाणक्य नीति अनुसार अहंकार किसी भी रिश्ते को कमजोर बना सकता है। पति-पत्नी के रिश्ते में अहंकार कोई स्थान नहीं होना चाहिए। चाणक्य के नीति शास्त्र के अनुसार धर्म में भी पति और पत्नी दोनों को समान दर्जा प्राप्त है इसलिए दोनों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए। याद रखिए जिन रिश्तों में अहम आ जाता है वो रिश्ता ज्यादा दिन टिक नहीं पाता। अहंकारी व्यक्ति किसी की भावना की कद्र नहीं कर सकता इसलिए बेहतर होगा पति पत्नी इसे अपने रिश्ते के बीच में न आने दें। 

एक दूसरे पर करें भरोसा : हर रिश्ते की नींव होता है विश्वास। यदि आपको अपने पति या पत्नी पर भरोसा नहीं है, इसका अर्थ है कि आपके रिश्ते की डोर मजबूत नहीं है। यदि पति और पत्नी के बीच शक की दीवार आ जाती है तो इसका अर्थ है कि आपका रिश्ता टूटने की कगार पर है। इसलिए अपने रिश्ते में कभी भी शक न आने दें। यदि आपको कभी ऐसा लगता है तो सीधा जाकर उनसे पूछ लें।

एक दूसरे पर शक न करें : कहते हैं वहम या शक किसी भी रिश्ते को बर्बाद कर सकता है। वहमी व्यक्ति किसी की बात नहीं सुनता उसे अक्सर यही लगता है कि वो जो सोच रहा है वही ठीक। इसलिए अपने रिश्ते से शक को दूर रखें और एक-दूसरे पर विश्वास करें।

एक दूसरे से झूठ न बोलें : यदि पति और पत्नी कुछ छिपाने के लिए झूठ बोलते हैं तो समझ लीजिए उनके रिश्ते में बचाने जैसा कुछ है ही नहीं। यदि कभी आपको ऐसा लगता है कि आप सच बोलने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं तो एक दूसरे से बात करके समस्या को सुलझाएं। और एक दूसरे का सहयोग करने का प्रयास करें।

एक दूसरे को अपमानित न करें : विवाह सिर्फ भरोसे या प्रेम से नहीं टिकता बल्कि एक दूसरे के सम्मान पर भी टिका होता है। यदि पति-पत्नी में एक दूसरे के प्रति कोई सम्मान की भावना नहीं है तो दूसरा स्वयं को अपमानित महसूस करेगा। ऐसे में रिश्तों में दरार आना संभव है। इसलिए पति-पत्नी को अपने रिश्ते को सम्मान देना चाहिए। चाणक्य नीति कहती यदि आप सम्मान देंगे तभी आपको सम्मान मिलेगा और यही आपके रिश्ते की डोर को और मजबूत करेगा।

एक-दूसरे पर गुस्सा न करें : क्रोध यानी गुस्से में व्यक्ति अच्छा-बुरा सब भूल जाता है और किसी को कुछ भी बोल देता है। गुस्से में बोली गई बातें कई बार जिंदगी भर का दर्द दे जाती हैं। इसलिए पति-पत्नी को कभी एक-दूसरे पर गुस्सा नहीं करना चाहिए। अगर कभी गुस्सा आ भी जाए तो स्वयं पर नियंत्रण रखें।

अपने घर की बातें बाहर किसी को भी न बताएं : पति पत्नी को कभी भी अपनी निजी बातें बाहर वालों को नहीं बतानी चाहिए। चाहे वो आपका कितना भी करीबी क्यों न हो। ऐसे करने से पति-पत्नी के रिश्तों में दरार आ सकती है। या कोई दूसरा व्यक्ति इन सीक्रेट का फायदा उठाकर पति-पत्नी के बीच विवाद करवा सकता है। ध्यान रखिए बाहर वाला आपके निजी राज जानकार आपकी छवि ही खराब करेगा और यदि ऐसा हुआ तो आपके रिश्तों में बुरा असर पड़ेगा। इसलिए भूलकर भी वैवाहिक जीवन की सीक्रेट बातें किसी से शेयर न करें।




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