चैत्र नवरात्रि 2022 : जानिए ऐसे पड़ा नौ देवियों का नाम


नवरात्र पर्व पर नौ दिनों तक देवी आराधना कर मानव सुख समृद्धि की कामना करता है। ये नौ दिन अखंड साधना के लिए जाने जाते हैं। नौ दिनों ने नौ देवियों की साधना करने से सकारात्‍मक शक्ति का संचार होता है। ज्‍योतिषाचार्य पंडित सौरभ दुबे ने बताया कि जिन देवियों की आराधना की जाती उनके नाम कैसे पड़ा यह जानना भी जरूरी है।

शैलपुत्री : देवी पार्वती को शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है। शैल का शाब्दिक अर्थ पर्वत होता है। पर्वतराज हिमालय के घर में पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा गया।

ब्रह्मचारिणी : ब्रह्म का अर्थ है तपस्या।कठोर तपस्या का आचरण करने वाली देवी को ब्रह्मचारिणी कहा जाता है। भगवान शिव को पाने के लिए माता पार्वती ने वर्षों तक कठोर तप किया था इसलिए माता को ब्रह्मचारिणी के नाम से जाना गया।

चंद्रघंटा : देवी के मस्तक पर अर्ध चंद्र के आकार का तिलक विराजमान है इसीलिए इनको चंद्रघंटा के नाम से भी जाना जाता है।

कूष्मांडा : देवी में ब्रह्मांड को उत्पन्न करने की शक्ति व्याप्त है और वे उदर से अंड तक अपने भीतर ब्रह्मांड को समेटे हुए हैं। इसलिए मातारानी को कूष्मांडा नाम से जाना जाता है।

स्कंदमाता : माता पार्वती कार्तिकेय की मां हैं। कार्तिकेय का एक नाम स्कंद भी है। इस तरह स्कंद की माता यानी स्कंदमाता कहलाती हैं।

कात्यायिनी : जब महिषासुर का अत्याचार पृथ्वी पर बढ़ गया था, तब भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों ने अपने-अपने तेज का अंश देकर महिषासुर के विनाश के लिए एक देवी को उत्पन्न किया। इस देवी की सर्वप्रथम पूजा महर्षि कात्यायन ने की थी। इसलिए इन्हें कात्यायनी के नाम से जाना गया।

कालरात्रि : मां भगवती के सातवें रूप को कालरात्रि कहते हैं। काल यानी संकट, जिसमें हर तरह का संकट खत्म कर देने की शक्ति हो, वो माता कालरात्रि हैं। माता कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है, लेकिन ये सदैव शुभ फल ही देने वाली हैं और राक्षसों का वध करने वाली हैं। माता के इस रूप के पूजन से सभी संकटों का नाश होता है।

महागौरी : कहा जाता है कि जब भगवान शिव को पाने के लिए माता ने इतना कठोर तप किया था कि वे काली पड़ गई थीं। जब महादेव उनकी तप से प्रसन्न हुए और उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया, तब भोलेनाथ ने उनके शरीर को गंगाजी के पवित्र जल से धोया था। इसके बाद माता का शरीर विद्युत प्रभा के समान अत्यंत कांतिमान-गौर हो उठा था। इसके स्वरूप को महागौरी के नाम से जाना गया।

सिद्धिदात्री : अपने भक्तों को सर्व सिद्धियां प्रदान करने वाली देवी होने के कारण इन्हें सिद्धिदात्री कहा जाता है। माना जाता है कि इनकी पूजा करने से बाकी देवियों की उपासना हो जाती है और भक्त के कठिन से कठिन काम भी सरल हो जाते हैं। 

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