अगर घर में शंख रखते हैं तो दो शंख लेकर आना चाहिए। एक शंख फूंककर बजाने के लिए और दूसरा अभिषेक व पूजा आदि करने
सनातन धर्म में शंख का विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है और धार्मिक मान्यता है कि यदि रोज घर में शंख बजाया जाता है तो घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होने के साथ-साथ गृह क्लेश से मुक्ति मिलती है। माता लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु की कृपा भी घर में बनी रहती है। आइए जानते हैं कि शंख बजाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और शंख बजाने का सही नियम क्या है -
शंख का धार्मिक महत्व : पौराणिक कथा के मुताबिक शंख को 14 रत्नों में से एक माना जाता है और शंख की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी, ऐसे में शंख को देवी लक्ष्मी का भाई भी बताया जाता है। इसलिए इसका संबंध भगवान विष्णु से है। धार्मिक कथाओं में यह भी बताया जाता है कि शंख को भगवान विष्णु के हथियारों या आभूषणों में से एक माना जाता है। भगवान विष्णु के हाथों में एक चक्र, एक गदा, एक कमल का फूल और एक शंख है। ऐसे में यह माना जाता है कि जिस घर में शंख बजाया जाता है, वहां भगवान विष्णु इसके ध्यान से आकर्षित होते हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता रहता है।
शंख बजाते समय इन बातों की रखें सावधानी : अगर घर में शंख रखते हैं तो दो शंख लेकर आना चाहिए। एक शंख फूंककर बजाने के लिए और दूसरा अभिषेक व पूजा आदि करने के लिए। जिस शंख से आप भगवान की पूजा करते हैं, उसे कभी बजाना नहीं चाहिए क्योंकि ऐसा करने से वह झूठा हो जाता है। शंख को पूजा घर के सफेद कपड़े में लपेटकर रखना चाहिए। भगवान विष्णु को शंख से जल अर्पित करना शुभ माना जाता है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी भगवान शिव और सूर्य देव को नहीं शंख का जल अर्पित नहीं करना चाहिए। शंख फूंकने से पहले उसे गंगाजल से धोना चाहिए। अगर गंगाजल नहीं है तो सामान्य पानी का उपयोग कर सकते हैं। पूजा के शंख में हमेशा जल रखें। इस जल का नित्य पूजन करके पूरे घर में छिड़काव करना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और सुख-शांति बनी रहती है। अपना शंख कभी भी दूसरे को उपयोग न करने दें। सुबह-शाम शंख बजाना सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है।
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