योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया इतिहास रचा है। वे लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने वाले हैं। वे संत हैं। योगी की तरह रहते हैं। धन, ऐश्वर्य और ठाट-बाट से उन्हें कोई मतलब नहीं। फिर वे मुख्यमंत्री के रूप में पाने वाले वेतन का क्या करते हैं ? इतने रुपयों की एक योगी के जीवन में भला क्या जरूरत है ? उनके बैंक खाते में लाखों रुपये जमा हैं। इन पैसों का वे क्या करते हैं ? एक इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ ने इसका जवाब दिया था।
यहां खर्च होता है योगी आदित्यनाथ का पैसा :
योगी आदित्यनाथ ने इस इंटरव्यू में कहा था, मैं वेतन के रूप में जो पैसा अर्जित करता हूं उसका अधिकतम उपयोग जरूरतमंद लोगों की मदद में करता हूं। जनता दर्शन कार्यक्रम में कई परेशान लोग मिलने आते हैं। कई लोगों की तकलीफ ऐसी होती है कि मैं उनको सरकारी स्तर पर मदद मुहैया नहीं करा सकता। सरकारी सुविधा या मदद की एक कानूनी प्रक्रिया होती है। कई सीमाएं होती हैं। कई लोगों को तत्काल मदद की जरूरत होती है। किसी को इलाज के लिए, किसी को पढ़ने की फीस के लिए पैसा चाहिए होता है। तब मैं ऐसे लोगों की मदद अपने वेतन के पैसों से करता हूं। लोगों की जरूरत और अपनी क्षमता के अनुरूप में सैलरी अकांउट से खर्च करता हूं। लेकिन कभी इन बातों का जिक्र नहीं करता। अधिकारियों को भी हिदायत रहती है कि वे मेरे निजी प्रयास के बारे में किसी न बताएं। मेरा मानना है कि अगर आप किसी की व्यक्तिगत मदद करते हैं तो उसका ढिंढोरा नहीं पीटना चाहिए। जैसा मेरा जीवन सादा है, वैसा ही मेरा भोजन भी सादा है। खाने को लेकर कोई विशेष आग्रह नहीं है। खाने में पसंद-नापसंद जैसी कोई चीज नहीं है। जो मिल गया वही खा लेता हूं। योगी आदित्यनाथ के नजदीकी लोगों का कहना है वे सुबह में दलिया और पपीता खाते हैं। रात में रोटी, दाल और हरी सब्जी खाते हैं। गर्मी में मट्ठा पीते हैं। सोने से पहले दूध पीते हैं। इसलिए उनके खान-पान पर कोई विशेष खर्च नहीं है।
जब एक बच्चा फरियाद लेकर पहुंचा योगी आदित्यनाथ के पास :
2015 की बात है। योगी आदित्यनाथ उस समय सांसद थे। वे गोरखनाथ मंदिर में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। कई लोग अपनी बात रख चुके थे। तभी वहां एक लड़का पहुंचा जिसकी उम्र करीब नौ साल थी। उसकी आंखें भरी हुई थीं। वह सुबक भी रहा था। योगी आदित्यनाथ एक बच्चे को इस हालत में देख कर चौंक गये। फिर उन्होंने प्यार से पूछा, क्या परेशानी है, क्यों रो रहे हो? उस छोटे बच्चे ने कहा, मैं रामलीला मैदान के पास रहता हूं। मां ने सामान खरीदने के लिए पैसे दिये थे। मुझे खेलना अच्छा लगता है। पैसा देख कर मैंने बैडमिंटन और कॉर्क खरीद लिया। इसमें 90 रुपये खर्च हो गये। जब घर पहुंचा तो मां डांटने लगी। मां ने कहा, सामान वापस कर पैसा ले आओ वर्ना घर में घुसने नहीं दूंगी। तब मैं दौड़ा-दौड़ा दुकानदार के पास गया। जब मैंने उसे सामान दे कर पैसे मांगे तो वह नाराज हो गया। बार-बार पैसा मांगने पर दुकानदार ने गाली देकर भगा दिया।
बच्चे की इस तरह से मदद की :
बच्चे ने कहा, मुझे बहुत बुरा लगा। तब में एक पुलिस अंकल के पास गया। मैंने उनसे दुकानदार की शिकायत की। पैसा दिलाने में मदद मांगी तो वे हंसने लगे और कहा कि जाओ योगी के दरबार में जाओ। तब मैं आपके पास आया हूं। बच्चे की बात सुन कर योगी आदित्यनाथ भी हंसने लगे। फिर उन्होंने पूछा तुम किसे दंड दिलाना चाहते हो, दुकानदार को या पुलिसवाले को ? तब बच्चे ने कहा, मुझे किसी को दंड नहीं दिलाना है। मुझे तो बस 90 रुपये चाहिए ताकि मैं घर जा कर मां के गुस्से से बच सकूं। तब योगी आदित्यनाथ ने अपने पॉकेट से उस बच्चे को 90 रुपये दे दिये। फिर वह बच्चा खुशी से दौड़ता हुआ अपने घर की तरफ भाग गया। चूंकि इस घटनाक्रम को कई लोगों ने देखा-सुना इसलिए ये बात गोरखपुर में फैल गयी। वर्ना अनके अधिकतर मदद के बारे में तो कोई जानता ही नहीं। अब इस तरह की मदद तो सरकारी स्तर पर नहीं की जा सकती। इसके लिए तो निजी पैसों की ही जरूरत पड़ती है।
योगी आदित्यानाथ की आमदनी :
2019 में योगी आदित्यनाथ ने अपने सेलरी अकाउंट से एक महीने का वेतन (2 लाख 51 हजार रुपये) पार्टी को दान किये थे। चुनाव आयोग को दिये हलफनामे के मुताबिक योगी आदित्यनाथ की सालाना कमाई 2016 से 2021 के बीच 8 लाख से लेकर 18 लाख के बीच रही है। सबसे अधिक 2018-19 में उन्हें 18 लाख 27 हजार 639 रुपये की आमदनी हुई थी। उनकी सबसे कम सालाना आमदनी 2016 में थी। 2016-17 में उनकी आय 8 लाख 40 हजार 998 रुपये थी। योगी आदित्यनाथ जनप्रतिनिधि हैं। सांसद विधायक के रूप में जो वेतन और भत्ते मिलते हैं वही उनकी आमदनी का जरिया है। 2021 में उनका कुल वेतन और भत्ता 3 लाख 65 हजार रुपये महीना था।
साभार-oneindia hindi
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