चारा घोटाला मामले में लालू यादव को 5 साल की जेल, 60 लाख का जुर्माना; जानें बाकी दोषियों को कितनी सजा

चारा घोटाले के तहत डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये के गबन के मामले में लालू प्रसाद यादव को 5 साल की जेल और 60 लाख का जुर्माना लगाया गया है.

चारा घोटाले के तहत डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये के गबन के मामले में लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को 5 साल की जेल और 60 लाख का जुर्माना लगाया गया है. इसके अलावा अन्य दोषियों को भी कारावास के साथ जुर्माने की सजा दी गई है. बताते चलें कि सीबीआई (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन) की स्पेशल कोर्ट के जस्टिस एसके शशि ने 15 फरवरी को लालू यादव (Lalu Yadav) समेत सभी को दोषी करार देते हुए सजा पर सुनवाई के लिए आज (21 फरवरी) की तारीख तय की थी.

लालू समेत अन्य दोषियों को मिली सजा और जुर्माना : 

लालू यादव को 5 साल की जेल और 60 लाख का जुर्माना

मो शहीद को 5 साल की जेल और 1.5 करोड़ का जुर्माना

महिंदर सिंह बेदी 4 साल की जेल और 1 करोड़ का जुर्माना

उमेश दुबे को सिर्फ 4 साल की सजा

सत्येंद्र कुमार मेहरा को 4 साल की सजा

राजेश मेहरा को 4 साल की सजा

त्रिपुरारी को 4 साल की सजा

महेंद्र कुमार कुंदन को 4 साल की सजा

डॉ गौरी शंकर को 4 साल की सजा

जसवंत सहाय को 3 साल की 2 लाख का जुर्माना

रविन्द्र कुमार को 4 साल की जेल

प्रभात कुमार को 4 साल की जेल

अजित कुमार 4 साल की सजा और 2 लाख का जुर्माना

बिरसा उरांव को 4 साल की सजा और 3 लाख का जुर्माना

नलिनी रंजन को 3 साल की सजा

प्राप्त जानकारी के अनुसार 38 दोषियों के अलावा तीन अन्य दोषी 15 फरवरी को कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सके थे जिसके चलते अदालत ने तीनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. जिन 38 दोषियों को सजा सुनाई गई है उनमें से 35 बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं जबकि लालू प्रसाद यादव समेत तीन अन्य दोषी स्वास्थ्य कारणों से राजेन्द्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (RIMS) में भर्ती हैं. जेल प्रशासन सभी 38 दोषियों की वीडियो कांफ्रेंस के जरिए कोर्ट में पेशी का अरेंजमेंट किया गया था.

इस मामले में सीबीआई ने कुल 170 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था जबकि 148 आरोपियों के खिलाफ 26 सितंबर 2005 में आरोप तय किए गए थे, चारा घोटाले के चार अलग-अलग मामलों में 14 साल तक की सजा पा चुके लालू प्रसाद यादव समेत 99 लोगों के खिलाफ कोर्ट ने सभी पक्षकारों की बहस सुनने के बाद 29 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

साभार- India. com




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