ताकतवर दुश्‍मन भी टेक देता है इन लोगों के सामने घुटने! जानें मात देने के खास तरीके


दुश्‍मन को मात देना आसान काम नहीं है. लेकिन चाणक्‍य नीति की कुछ बातों पर अमल किया जाए तो दुश्‍मन को घुटने टेकने पर मजबूर किया जा सकता है.

सफल व्‍यक्ति के दुश्‍मन तो होते ही हैं लेकिन ऐसे लोगों के भी कई दुश्‍मन होते हैं जो सफल होने की राह में आगे बढ़ रहे होते हैं. जाहिर है कई बार ये दुश्‍मन तगड़ा नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में जरूरी है कि खुद को अपने शत्रुओं से बचाकर रखा जाए. महान कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य ने शत्रु से बचने और शत्रु को मात देने के खास तरीके बताए हैं. यदि इन्‍हें अपना लिया जाए तो ताकतवर से ताकतवर दुश्‍मन भी आपके आगे घुटने टेक देगा. 

इन बातों से मात खा जाएगा दुश्‍मन :- 

शत्रु को कमजोर न समझें : आचार्य चाणक्य अपने नीति शास्‍त्र में कहते हैं कि कभी भी अपने दुश्‍मन को कम न समझें. उसे मात देने के लिए उसकी ताकत का सही अंदाजा लगाना बहुत जरूरी है. तभी आप उसकी कमजोर नस पर वार करके आसानी से जीत हासिल कर सकते हैं. 

हिम्‍मत न हारें : दुश्‍मन कितना भी शक्तिशाली हो उससे घबराएं नहीं. ना ही ताकतवर दुश्‍मन को देखकर हिम्‍मत हारें. अपनी हिम्‍मत और बुद्धिमानी का उपयोग करके अपनी ताकत बढ़ाएं. एक न एक दिन दुश्‍मन आपके आगे घुटने जरूर टेक देगा. 

धैर्य का साथ न छोड़ें : ताकतवर शत्रु का सामना करने के लिए और उसे हराने के लिए धैर्य बहुत जरूरी है. क्‍योंकि शत्रु कभी न कभी गलती करेगा और आप उसका फायदा उठाकर जीत हासिल कर लेंगे. 

गुस्‍से पर काबू रखें : गुस्‍सा जीता हुआ युद्ध भी हरा सकता है. गुस्‍से में व्‍यक्ति सोचने-समझने की शक्ति खो देता है. इसलिए गुस्‍से पर काबू रखें और शत्रु की हर चाल पर नजर रखें. आप जरूर जीतेंगे. 

Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. 



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