महाशिवरात्रि : ध्यान रहे, शिवजी की पूजा में वर्जित हैं ये चीजें, इन्हें चढ़ाने से महादेव होते हैं नाराज



शिवजी को देवों का देव कहा जाता है। महाशिवरात्रि उनकी विशेष पूजा और आराधना का दिन होता है। इस दिन मंदिरों में सुबह से भक्तों की कतार लगी रहती है। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन श्रद्धा पूर्वक व्रत और पूजन करने के महादेव अत्यंत प्रसन्न होते हैं। इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 1 मार्च को है। इस दिन कुछ चीजें भूलकर भी शिवजी को अर्पित न करें।

शंख : शिवजी की पूजा में शंख का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि भोलेनाथ ने शंखचूड़ नाम के राक्षस का वध किया था। तब से शंख को उस असुर का प्रतीक माना जाने लगा। शंखचूड़ नारायण का भक्त था। इसलिए विष्णुजी की पूजा में शंख बजाया जाता है।

केतकी का फूल : केतकी का फूल भगवान शिव को अर्पित नहीं करना चाहिए। शिव ने केतकी के पुष्प को श्राप दिया था। इस फूल को चढ़ाने से भगवान नाराज होते हैं।

तुलसी : तुलसी पूर्व जन्म में वृंदा थीं। उनके पति का नाम जलंधर था। जलंधर का वध महादेव ने किया था। इसके बाद से तुलसी ने स्वयं को उनकी पूजा में शामिल होने से इनकार कर दिया। तब से शिवजी की पूजन में तुलसी का प्रयोग नहीं होता।

हल्दी और रोली : हल्दी और रोली का इस्तेमाल भी शिवजी की पूजा में नहीं करना चाहिए। भोलेनाथ वैरागी हैं। वे अपने माथे पर राख लगाते हैं। रोली लाल रंग की होती है। इसे उत्तेजित करने वाला माना जाता है। शास्त्रों में शिव को विनाशक कहा गया है। इस लिए उनकी पूजा में रोली का इस्तेमाल वर्जित है।

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