खनन सामग्री के मूल्यों में कमी लाने के लिए इजाद किया गया नया तरीका

 


यूपी मिनरल मार्ट पोर्टल से भी की जा सकती है खरीददारी।

खनन विभाग की वेबसाइट पर भंडारण स्थल बार व जिलावार विवरण है उपलब्ध।

अपना वाहन भेजकर या पंजीकृत वाहन से मंगाई जा सकती है खनन सामग्री।

निर्माण एजेंसियां भी इस व्यवस्था का कर सकती हैं भरपूर उपयोग : डॉ० रोशन जैकब              

लखनऊ: 6 सितंबर 2021। उत्तर प्रदेश में खनन सामग्री खासतौर से मोरम की उपलब्धता सुगम व सरल तरीके से कराने व उसके मूल्यों पर नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं ।निदेशक भूतत्व एवं खनन विभाग उत्तर प्रदेश डॉ० रोशन जैकब ने यह जानकारी  देते हुये बताया कि इसके लिए उत्तर प्रदेश ऑनलाइन खनिज पोर्टल (उत्तर प्रदेश  मिनरल मार्ट) ऐप लांच किया गया है। 

यह उ०प्र०सरकार के भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की एक अनूठी पहल है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण एवं लाभकारी ऑनलाइन पोर्टल है जो कि आपूर्तिकर्ताओ एवं उपभोक्ताओ को एक साथ तकनीकी प्लेटफार्म पर बाधारहित क्रय- विक्रय का अनुभव कराएगा।

इस पोर्टल के माध्यम से एक क्लिक पर कंजूमर सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त सप्लायर से गुणवत्तापूर्ण खनिज खरीद सकता है। यह पोर्टल खनिजों के प्रति लोगों के दृष्टिकोण को एक नया परिदृश्य देगा। इसमें सर्वप्रथम आपूर्तिकर्ता उत्तर प्रदेश  मिनरल मार्ट के ऑनलाइन पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराएंगे ,तदोपरांत पोर्टल के तकनीकी टूल्स के द्वारा प्रतिदिन स्वयं ही खनिज दरों में परिवर्तन कर सकेंगे।

डा० जैकब ने बताया  कि उपभोक्ताओं  को खनिज पदार्थों के  क्रय- विक्रय हेतु यह एक सरल प्लेटफार्म है, जिसका बाधारहित एवं सुरक्षित संचालन किया जा सकता है और उपभोक्ता अपनी आवश्यकतानुसार आपूर्तिकर्ता का चयन कर सकते हैं। यह पारदर्शी व्यापार प्रणाली है। उपभोक्ताओं को खनिजों का वितरण के द्वार पर होगा। इसमें विभाग द्वारा निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुसार चयनित खनिजों का ही वितरण होगा। इस पोर्टल पर धनवापसी नीतियां भी अत्यधिक सरल हैं। गुणवत्ता पर संदेह होने पर उपभोक्ता  खनिज क्रय को अस्वीकार भी कर सकते हैं ।खनिज को अस्वीकार करने की स्थिति में कोई भी दंड देय नहीं है। गुणवत्ता संबंधी विवादों का पांच कार्य दिवसों में समाधान किया जाएगा। वेब आधारित उत्तर प्रदेश मिनरल मार्ट पोर्टल में सुरक्षित पेमेंट गेटवे होगा , जहां पर उपभोक्ता खनिज क्रय के पश्चात ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे ।पेमेंट गेटवे तार्किक/बौद्धिक रूप से एकीकृत होगा ।उपभोक्ताओं की सफल आपूर्ति के पश्चात भुगतान स्वतः ही आपूर्तिकर्ता के खाते में जमा कर दिया जाएगा। भुगतान कार्रवाई सॉफ्टवेयर- स्वचालित प्रक्रिया में होगी। यह भुगतान  गेटवे मानव हस्तक्षेप से मुक्त होगा। गेटवे में भुगतान की समस्त विधियां यथा क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, यूपीआई वालेट से भी सम्मिलित रहेंगी। पेमेंट गेटवे में समस्त कार्यवाही आपस में संबद्ध/एकीकृत होंगी और यहीं पर पीसीआई डीएसएस का सर्टिफिकेट भी उपलब्ध रहेगा।

यूपी मिनरल मार्ट के संबंध में और अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 8800191126  पर भी संपर्क किया जा सकता है। website- www.upmineralmart.com है।

डा० जैकब ने बताया की उपभोक्ता  पोर्टल पर पंजीकरण करने के पश्चात खनिज सूची  मे से किसी भी वांछित खनिज का चुनाव करने के बाद 'बाइ नाउ' बटन पर  क्लिक कर उपभोक्ता वांछित सप्लायर को क्रय दिनांक एवं खनिज मात्रा के साथ अनुरोध  कर सकेंगे। सप्लायर द्वारा उस आर्डर की स्वीकृति के उपरांत उपभोक्ता ऑनलाइन भुगतान अथवा  'कैश आन पिक-अप 'विकल्प का चुनाव कर सकेंगे। तत्पश्चात उपभोक्ता को s.m.s. के माध्यम से सूचना प्राप्त होगी। उपभोक्ता इस आर्डर की रसीद को डाउनलोड कर सकेगे ।वह उपभोक्ता जिनके पास खनिजों के परिवहन की सुविधा उपलब्ध नहीं है, वह मिनरल ट्रांसपोर्ट पर क्लिक करके वांछित वाहन स्वामी से भी संपर्क कर सकेंगे। इस प्रक्रिया के संपन्न होने के बाद उपभोक्ता वांछित दिनांक को संबंधित सेल प्वाइंट पर जाकर खनिज को प्राप्त कर सकेंगे।

डा० जैकब ने बताया कि प्रदेश में मोरम के उठान/निकासी में पिछले दो दिनों में और अधिक गति आई है ।उन्होंने बताया क्योंकि सितंबर माह के अन्त तक भंडारणकर्ता द्वारा यदि 90% तक उठान/निकासी नहीं कराई जाएगी, तो  शेष मोरम को जब्त कर नीलामी की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया की पिछले 2 महीनों में लगभग 40 हजार घन मीटर प्रतिदिन की निकासी हुई है, लेकिन इस संबंध में दिए गए निर्देशों का असर हुआ है और पिछले 2 दिनों में लगभग 52 हजार घन मीटर प्रतिदिन का उठान संभव हो सका है। प्रदेश में 228 मोरम के भंडार स्थल स्वीकृत हैं और इन सभी भंडारण में कुल 68.25लाख घनमीटर मात्रा भंडारित की गई, जिसके सापेक्ष 24.94 लाख घन मीटर मोरम की निकासी हुई है, जो कुल मात्रा का 36.54% है। सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि माह सितंबर के अंत तक कुल 90% भंडारण के उठान/निकासी को सुनिश्चित कराया जाए अन्यथा की दशा में शेष मात्रा को जब्त कर के नीलामी की कार्रवाई की जाएगी।

बी एल यादव 

सूचना अधिकारी। 



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