चाणक्य नीति : मनुष्य की इन बुरी आदतों से मां लक्ष्मी हो जाती हैं रुष्ट, घर में सदैव रहता है धन का अभाव


आचार्य चाणक्य के अनुसार चोरी करना सबसे बुरी आदत है। ऐसे लोगों को कभी भी समाज में सम्मान प्राप्त नहीं होता।

महान अर्थशास्त्री और कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य को लगभग सभी विषयों की गहराई से समझ थी। चाणक्य जी ने अपने नीतियों के बल पर ही एक साधारण से बालक चंद्रगुप्त मौर्य को सम्राट बनाया था। आचार्य चाणक्य की नीतियां आज के समय में भी प्रासंगिक मानी जाती है, सुनने में यह भले ही मुश्किल लगें हालांकि माना जाता है कि अगर एक बार व्यक्ति चाणक्य जी की नीतियों को अपने जीवन में उतार ले तो वह सुख से अपनी जिंदगी व्यतीत करता है।

चाणक्य जी ने अपने नीति शास्त्र में कुछ ऐसी आदतों का जिक्र किया है, जिनके कारण धन की देवी मां लक्ष्मी रूठ जाती हैं। ऐसी आदत वाले लोगों के घरों में कभी भी मां लक्ष्मी का वास नहीं होता।

चोरी : आचार्य चाणक्य के अनुसार चोरी करना सबसे बुरी आदत है। ऐसे व्यक्ति कभी भी समाज में सम्मान नहीं प्राप्त कर पाते। चोरी करते हुए पकड़े जाने पर ना सिर्फ इन्हें दंड मिलता है बल्कि यह अपने कुल का नाम भी मिट्टी भी मिला देते हैं। जिन लोगों में चोरी की आदत होती हैं, उनसे मां लक्ष्मी कभी भी प्रसन्न नहीं रहतीं। ऐसे लोगों को धन कमाने के लिए बड़ी जद्दोजहद करनी पड़ती है, साथ ही चोरी किया गया हुआ धन भी मुसीबत पड़ने पर काम नहीं आता।

झूठ बोलना : चाणक्य जी का मानना है कि व्यक्ति को झूठ बोलने से बचना चाहिए। क्योंकि झूठ बोलने से ना सिर्फ दूसरे का आप पर से विश्वास टूट जाता है बल्कि मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त नहीं होती। ऐसे में व्यक्ति को अपने झूठ बोलने की आदत तुरंत बदल देनी चाहिए।

लालच : लालची व्यक्ति किसी का सगा नहीं होता। समाज में इन्हें कभी सम्मान प्राप्त नहीं होता और ना ही इनके घर में लक्ष्मी का वास होता है। ऐसे लोग अपने लालच में इतने अंधे हो जाते हैं तो वह रिश्ते और नाते भूलकर केवल अपने फायदे के बारे में सोचते हैं। हालांकि जब ऐसे लोगों की सच्चाई दूसरों के सामने आती है तो सभी इनसे दूरी बना लेते हैं।







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