बलिया : जिले के 256 ग्राम पंचायतों में किसान पाठशाला का हुआ आयोजन




खेतों में पराली को न जलाये, जैविक खाद के रूप में प्रयोग कर अधिक ऊपज बढ़ाये

बलिया। जनपद में किसान कल्याण मिशन के अन्तर्गत किसान पाठशाला का आयोजन नवोन्मेसी कार्यक्रम के रूप में द मिलियन फार्मर्स स्कूल  माह सितम्बर में कराये जाने का निर्णय लिया गया है। जिसमें किसान पाठशाला का पहला माड्यूल 14 से 15 सितम्बर तक एवं दूसरा माड्यूल  20 से 21 सितम्बर तक अपरान्ह 2ः30 बजे से 05ः30 बजे के मध्य दो दिवसीय आयोजन किया गया। प्रथम एवं द्वितीय माड्यूल में जनपद के 128 न्याय पंचायतों के कुल 256 ग्रामपंचायतों में किसान पाठशाला आयोजित की गयी। किसान पाठशाला में पराली प्रबन्धन, कृषि विविधिकरण, जैविक खेती, मूल्य संवर्द्धन जैसे विषयों को सम्मिलित किया गया। कृषकों को धान की पराली न जलाने हेतु जागरूक करते हुये, यह भी अवगत कराया गया कि राष्ट्रीय हरित अभिकरण नई दिल्ली के आदेशानुसार कृषकों द्वारा धान की पराली/फसल अवशेष/कुड़ा जलाने की घटनाओं पर दो एकड़ तक के किसानों को रुपये दो हजार पांच सौ, 02 से 05 एकड़ तक के किसानों को रुपये पांच हजार एवं 05 एकड़ से अधिक भूमि के किसानों को रुपये पंद्रह हजार प्रति घटना जुर्माने का प्राविधान है। 

उप कृषि निदेशक इन्द्राज ने कहा कि किसान भाई अपने खेतो में धान की पराली को कदापि न जलायें अपितु इसका उपयोग जैविक खाद के रूप में करते हुए अपनी खेत की ऊपज को बढ़ाये, जिससे पराली जलाने की घटनाओं से पर्यावरण में होने वाले क्षति से भी बचा जा सकें। पराली को जैविक खाद के रूप में प्रयोग कर अधिक ऊपज प्राप्त करें, धान की कटाई के उपरान्त पराली प्रबन्धन के यंत्र सुपर सीडर, हैप्पी सीडर एवं जीरो टिल सीड कम फर्टीलाइजर ट्रील की सहायता से गेहॅू की सीधी बुवाई कर समय एवं लागत की बचत कर सकते है। कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगाकर ही कम्बाईन मालिक खेत की कटाई कर सकते है, सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के विकल्प के रूप में रिवर्सिबुल मोल्ड बोल्ड प्लाऊ, मल्चर, पैडी स्ट्रा चापर, आदि यंत्रों को ट्रैक्टर में लगाकर कम्बाईन हार्वेस्टर के पीछे चलाकर फसल अवशेष को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर कम्बाईन हार्वेस्टर को सीज करते हुए उसके मालिक के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकती है। किसान पाठशाला में कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ पशुपालन, गन्ना, मत्स्य एवं उद्यान विभाग की जानकारी एवं उनके द्वारा देय सुविधाओं के बारे में कृषकों को अवगत कराया गया। पाठशाला में बड़ी संख्या में महिला एवं पुरूष कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ जनपद के सम्मानित जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कराया गया।




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