महाप्रबंधक श्री विनय कुमार त्रिपाठी ने आज मंडल रेल प्रबंधक, वाराणसी श्री रामाश्रय पाण्डेय के साथ किया रामबाग रेलवे स्टेशनका निरीक्षण









वाराणसी: पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक श्री विनय कुमार त्रिपाठी ने आज रविवार को मंडल रेल प्रबंधक, वाराणसी श्री रामाश्रय पाण्डेय के साथ प्रयागराज-वाराणसी दोहरीकरण परियोजना के अंतर्गत प्रयागराज रामबाग रेलवे स्टेशन के यार्ड रिमॉडलिंग प्लान का गहन निरीक्षण किया। इस अवसर पर उनके साथ  रेल विकास निगम लिमिटेड के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर श्री विकास चन्द्रा, वाराणसी मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री संजीव शर्मा,वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक (जनरल) श्री ए के सक्सेना,वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर (कैरेज एण्ड वैगन) श्री एस.पी.श्रीवास्तव, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर तृतीय श्री अनुज वर्मा, वरिष्ठ मंडल सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर श्री त्रयंबक तिवारी, रेल विकास निगम लिमिटेड महाप्रबंधक श्री सत्यम सिंह, सिविल मैनेजर श्री एस.एन. साहु एवं समेत वरिष्ठ पर्यवेक्षक उपस्थित थे।

महाप्रबंधक श्री त्रिपाठी ने प्रयागराज - वाराणसी दोहरीकरण सह विधुतीकरण परियोजना के अंतर्गत प्रयागराज रामबाग में यार्ड रिमॉडलिंग के अंर्तगत हो रहे कार्यों की कार्यप्रणाली,रूप रेखा और प्लानिंग की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने प्रयागराज रामबाग यार्ड के दोनों छोरों सभी प्लेटफॉर्मो एवं स्टेशन सेक्शन का व्यापक निरीक्षण किया और रिमॉडलिंग प्लान का बारीक अध्ययन कर भौतिक सत्यापन भी किया। इसी क्रम में उन्होंने प्रयागराज रामबाग स्टेशन पर यात्री सुख सुविधाओं के विकास कार्यों यथा नए पैदल उपरिगामी पुल, प्लेटफॉर्मो के उन्नयन, प्लेटफार्म के शेल्टर, सामान्य यात्री प्रतीक्षालय, वाटर बूथ,आरक्षित एवं अनारक्षित टिकट काउंटरों,सर्कुलेटिंग एरिया एवं पार्किंग आदि का निरीक्षण किया और संबंधित को दिशा निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने प्रयागराज रामबाग स्टेशन पर कुम्भ मेला के समय यात्रियों के घनत्व बढ़ने पर होने वाली समस्याओं के निराकरण के लिए प्लेटफार्म संख्या 05 एवं 06 की तरफ सेकेंड इन्ट्री खोले जाने की संभावनाएं तलाशी और संबंधित को इसकी कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया।

इस अवसर पर एक औपचारिक वार्ता में महाप्रबंधक श्री त्रिपाठी ने बताया कि इस दोहरीकरण परियोजना में वाराणसी से ज्ञानपुर रोड तक कार्य पूरा किया जा चुका है शेष कार्य प्रगति पर है,  दोहरीकरण परियोजना को 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा।





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