चाणक्य नीति : धन को लेकर जिसने समझ लीं ये 5 बातें, उसे कभी आर्थिक तंगी नहीं झेलनी पड़ेगी…

 


आचार्य चाणक्य ने जीवन में धन को सच्चा मित्र बताया है और उसका सदुपयोग करने की बात कही है क्योंकि धन ही है जो आपके बुरे समय में साथ निभाता है. यदि आपने धन का मैनेजमेंट सीख लिया तो आपको कभी जीवन में धन से जुड़ी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा.


आचार्य चाणक्य ने अपने जीवनभर के अनुभवों के आधार पर जो कुछ भी कहा है, वो बातें आज की युवा पीढ़ी को जरूर समझ​नी चाहिए क्योंकि वो बातें आज के परिवेश में भी सटीक साबित होती हैं. आचार्य न सिर्फ असाधारण बुद्धि के धनी थे, बल्कि तमाम विषयों के ज्ञाता भी थे. आज की पीढ़ी के लिए वे किसी मैनेजमेंट गुरू से कम नहीं. आचार्य ने जीवन के करीब करीब हर पहलू पर अपने विचार साझा किए हैं. धन को लेकर आचार्य का मानना था कि धन व्यक्ति का सच्चा मित्र होता है, इसलिए धन का हमेशा संचय करना चाहिए. जब अपने भी साथ छोड़ जाते हैं, तब आपका संचय किया हुआ धन काम आता है. यदि आप चाहते हैं कि आपको जीवन में धन को लेकर कभी परेशान न होना पड़े तो आचार्य चाणक्य की इन बातों को हमेशा याद रखें.

1. चाणक्य के अनुसार धन को हमेशा सोच समझकर खर्च करना चाहिए. जो लोग धन को फिजूल खर्च करते हैं, उनके पास धन लंबे समय तक नहीं टिक पाता. इसलिए जितना संभव हो, धन का संचय करें ताकि जरूरत पड़ने पर इसका उपयोग कर सकें.

2. यदि जीवन में धन कमाना चाहते हैं, तो हमेशा अपने लक्ष्य पर पैनी नजर रखें. आपकी लक्ष्य प्राप्ति ही आपके धन का साधन बनती है. इसलिए जीवन में जो करना है, उसके लिए अभी से रूपरेखा तैयार करें और रणनीति बनाकर उस पर पूरी लगन से काम करें.

3. सफलता मिलने की संभावना वहीं होती है, जहां रोजगार के साधन हों. इसलिए ऐसे स्थान पर रहो जहां रोजगार के लिए परेशान न होना पड़े. ऐसी परिस्थितियों या लोगों का त्याग कर देना चाहिए, जो आपकी सफलता में बाधा हों. यदि इन बातों को ध्यान रखेंगे तो धन के लिए कभी परेशान नहीं होंगे.

4. चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को हमेशा ईमानदारी और मेहनत से पैसा कमाना चाहिए क्योंकि गलत तरीके से कमाया हुआ धन लंबे समय तक नहीं टिकता. ऐसे लोग एक न एक दिन मुसीबत में जरूर फंसते हैं और गलत तरीके से कमाया हुआ पैसा पानी की तरह बह जाता है. ईमानदारी और मेहनत से कमाया धन हमेशा व्यक्ति के काम आता है.

5. आपका धन हमेशा आपके अधिकार क्षेत्र में होना चाहिए. जो धन दूसरों के कब्जे में रहता है, वो कभी वक्त पर काम नहीं आता. ऐसे में पछतावे के सिवा दूसरा कोई मार्ग शेष नहीं बचता.





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