बलिया: स्वयं सहायता समूह के उत्थान में वित्तीय समावेशन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। वित्तीय समावेशन और वित्तीय साक्षरता के समूह आधार पर ही समूह से समृद्धि का द्वारा खुलता है। उक्त बातें उपायुक्त स्वतः रोजगार हरिश्चंद्र प्रजापति ने कृषि भवन में आयोजित स्वयं सहायता समूह के सूक्ष्म नियोजन प्रक्रिया विषयक उन्मुखीकरण कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही।
दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत प्रोत्साहित महिला स्वयं सहायता समूहों के वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने हेतु आयोजित कार्यशाला में जनपद के समस्त सहायक विकास अधिकारी (आईएसबी) और एनआरएलएम के खंड मिशन प्रबंधक ने भाग लिया। इस अवसर पर जिला मिशन प्रबंधक (सूक्ष्म वित्त और वित्तीय समावेशन) अभिषेक आनंद ने स्वयं सहायता समूह के सूक्ष्म नियोजन प्रक्रिया पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सूक्ष्म नियोजन प्रक्रिया से स्वयं सहायता समूहों को संसाधनों की पहचान कर उसके सर्वोत्तम इस्तेमाल करने के लिए निर्णय क्षमता का विकास होता है। डीएमएम (प्रशिक्षण) राजीव रंजन सिंह ने स्वयं सहायता समूह के वित्तीय प्रबंधन कौशल को विकसित करने के तरीको से अवगत कराया। स्वयं सहायता समूहों को बैंक से ऋण लेने में सूक्ष्म नियोजन प्रक्रिया का पालन न कर पाने की वजहों से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इससे बैंक ऋण में भी आसानी होगी और सामुदायिक निवेश निधि भी प्राप्त किया जा सकता है।
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