गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा,
गुरु साक्षात परब्रह्मा, तस्मै श्री गुरुवे नमः
अरे अनु बिटिया यहां क्यों बैठी है धूप में,चल जल्दी से उठ और छप्पर के नीचे आजा, खेत पर अनु के बाबा के लिए रोटी लेकर आई अनु की मां ने अनु से कहा, जो बड़े ही ध्यान से अपने किसान पिता को गन्ने के ढेर पर गन्ना फेंकते देख रही थी।
अनु ने अपनी मां से कहा .. मां ये बाबा इतनी मेहनत क्यों करते हैं देखो ना पसीनो में भीग रहे हैं।
अनु की माँ ने अनु को गोदी में बैठाते हुए प्यार से कहा, अरी मेरी लाड़ो रानी "मेहनत ही तो सफलता की कुंजी है", तेरे बाबा की आज की मेहनत तेरे भैया का और तेरा भविष्य संवार देगी।
क्या गन्ना फेंकने से सफलता मिलती है नन्ही अनु ने चहकते हुए कहा और नन्ने नन्ने पैरों में नूपुर की झंकार करते हुए दौड़ी दौड़ी अपने बाबा के पास गई और छोटे छोटे गन्ने उठाकर गन्ने की ढेरी पर अपने बाबा को जैसे गुरु मानते हुए फेंकने लगी।
उसके बाबा ने उसे गोद में उठा लिया और प्यार कर कहने लगे हमारी अनु ये सब क्यों कर रही है तो उसने कहा मुझे इसमें बहुत मजा आता है बाबा और मैं भी आपकी तरह गन्ना फेंकूगी।
धीरे-धीरे अनु का ये शोक किस प्रकार जुनून में बदल गया पता ही नहीं चला।वह अपने बड़े भाई के बड़े-बड़े जूते पहन कर आती पर अभ्यास जरूर करती।
एक दिन उसने अपने क्रिकेट खेल रहे भाई की बाँल को इतनी जोर से थ्रो करा कि उसका भाई अचरज में रह गया, उसके भाई ने अपने बाबा से कहा हमारी अनु एक अच्छी एथलीट बन सकती है और फिर तो उसके बाबा को भी लगा कि इसे भाला फेंक का अभ्यास कराना चाहिए लेकिन भाले की कीमत एक लाख रुपए थी,तो उसके बाबा ने उसको बांस का भाला बना कर दिया।
लेकिन कहते हैं ना कि हुनर को साधनों से ज्यादा साधने की जरूरत होती है, उसके बाबा ने ये समझा जो उसके गुरु भी थे उन्होंने उसकी प्रतिभा को पहचाना भी उसे तराशा भी और उसे निखारा भी।
आसपास के कुछ लोगों ने कुछ ताने भी दिए, लेकिन अनु पूरे जज्बे के साथ अपने अभ्यास में लगी रही और और आज उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के भदरपुर गांव की अनु ने भारतवर्ष का नाम भारत ही नहीं विश्व पटल पर रोशन कर दिया।
सच ही कहा गया है एक अच्छा गुरु ही अपने शिष्य की छुपी हुई प्रतिभा से उसकी पहचान कराता है।
अनु ने 2014 मे इंच्योन ऐशियाई चैंपियनशिप जीती।
2016 में दक्षेस खेल रजत पदक जीता।
2017 में भुवनेश्वर कांस्य जीता।
2019 मे एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल किया।
भाला फेंक में राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया और अपना ही रिकॉर्ड चार बार तोड़ा।
और सबसे बड़ी बात आज अनु 60 मीटर से ऊपर की थ्रो करने वाली देश की पहली महिला एथलीट बनी।
गुरु पूर्णिमा पर गुरु को नमन
जय गुरुदेव
अपनी कलम से
ऋतु गुप्ता
खुर्जा बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश
ritu.gupta.kansal@gmail.com
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