बसंत पंचमी तक झेलना पड़ सकता है जाड़े का कहर : डा० गणेश पाठक


बलिया पर्यावरणविद् डा० गणेश पाठक ने एक भेंटवार्ता में बताया कि इस वर्ष जाड़े का कहर बसंत पंचमी तक झेलना पड़ सकता है। वैसे भी इस वर्ष जाड़े की शुरूआत देर से हुई है और वर्तमान समय में इधर कुछ वर्षों से जो मौसम परिवर्तन का सिलसिला चल रहा है, उसके अनुसार प्रत्येक ऋतु देर से शुरू होकर आगे की तरफ खीच रही है। इस हिसाब से भी यह अनुमान लगाया जा सकता है कि इस वर्ष जाड़े का मौसम फरवरी तक जा सकता है। 

जहाँ तक आजकल जारी शीतलहर की बात है तो पहाड़ों पर हो रही वर्फबारी एवं पछुवा हवा बहने के कारण बर्फीली हवाएँ पछुवा हवा के साथ मिलकर न केवल बलिया सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपना कहर बरपा रही है, बल्कि पूरा उत्तर प्रदेश भीषण शीत लहरी के चपेट में है। बीच- बीच में पश्चिमी विक्षोभ के आते रहने से एवं कुहरा तथा धून्ध के प्रभाव से धूप नहीं निकलने के कारण शीतलहरी के प्रभाव में अधिक वृद्धि हो जा रही है। अभी उत्तर प्रदेश के मौसम विभाग द्वारा भी तीन दिनों के लिए शीतलहरी के भीषण प्रभाव को देखते हुए आरेंज एलर्ट की घोषणा किया जा चुका है। मौसम के रूख के अनुसार इस पूरे सप्ताह शीतलहरी जारी रहेगी।

जहाँ तक बलिया सहित पूर्वांचल के जिलों में मौसम की बात है तो इन क्षेत्रों में भीषण शीतलहरी जारी रहेगी। आज का न्यूनतम तापमान जहाँ 6 डिग्री सेंटीग्रेट रहा, वहीं अधिकतम् तापमान 17 डिग्री सेंटीग्रेट रहा। इसके बाद के दिनों में भी तीन-चार दिनों तक न्यूनतम तापमान 6डिग्री सेन्टीग्रेट एवं अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेंटीग्रेट रहने की उम्मीद है। शुक्रवार को आसमान में बादल छाए रहने की संभावना है एवं यत्र-तत्र वारिस के छिंटे भी पड़ सकते हैं। कुहरा एवं धुन्ध बने रहने की सम्भावना है और पछुवा हवा के कारण बर्फीली  हवाओं का प्रभाव भी इस क्षेत्र में जारी रहेगा, जिससे शीतलहरी में राहत की कोई संभावना नहीं दिखाई दे रही है। चार- पाँच दिनों बाद मौसम कुछ सुहावना हो सकता है, किंतु उसके बाद फरवरी के दूसरे सप्ताह में पुनः ठंढ बढ़ सकती है। कुल मिलाकर फरवरी माह में भी ठंढक का दंश झेलना पड़ सकता है।

शीतलहरी से बचने के लिए इससे बचाव करना ही एकमात्र उपाय है। शीतलहर यदि बहुत आवश्यक हो तभी घर से बाहर निकलना चाहिए  और पर्याप्त गरम कपड़ा पहन कर निकलना चाहिए। अलाव का सेवन करना चाहिए। शीतलहर के प्रभाव में आ जाने पर तत्काल चिकित्सक के पास जाकर इलाज कराना चाहिए।



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