Tips for Diabetes Patients : अगर कोई व्यक्ति डायबिटीज बीमारी से पीड़ित है तो उसके शरीर में या तो पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं होता है या फिर शरीर इंसुलिन को यूटिलाइज करने में सक्षम नहीं रह जाता है.
Jaggery for Diabetes Patients : आमतौर पर लोग जो खाना खाते हैं वो शुगर यानी ग्लूकोज में तब्दील हो जाता है। ये ग्लूकोज इंसुलिन हार्मोन की मदद से पूरे शरीर में ऊर्जा के रूप में पहुंचते हैं ताकि शारीरिक गतिविधियां सुचारू ढंग से हो सकें। लेकिन अगर कोई व्यक्ति डायबिटीज बीमारी से पीड़ित है तो उसके शरीर में या तो पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं होता है। या फिर शरीर इंसुलिन को यूटिलाइज करने में सक्षम नहीं रह जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन मरीजों में ब्लड शुगर का स्तर ज्यादा रहता है जो कई अन्य स्वास्थ्य परेशानियों के खतरे को भी बढ़ाता है। ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान का खास ख्याल रखना चाहिए। हालांकि, मीठा खाने की क्रेविंग होने पर ये मरीज गुड़ का सेवन कर सकते हैं या नहीं, आइए जानते हैं –
ज्यादा पौष्टिक है गुड़ : स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि गुड़ में मौजूद पोषक तत्वों के कारण लोग इसका सेवन करते हैं। चीनी और गुड़ दोनों ही गन्ना से बनता है। गन्ने से चीनी बनाने की प्रक्रिया में क्रिस्टलाइजेशन के कारण उसमें मौजूद सभी गुण समाप्त हो जाते हैं। वहीं, गुड़ बनाने के प्रॉसेस में उसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व नष्ट नहीं होते हैं। इसलिए गुड़ में कैल्शियम, आयरन, जिंक, मैग्नीशियम, पोटैशियम, कॉपर और फॉस्फोरस जैसे कई न्यूट्रिशनल एलिमेंट्स मौजूद होते हैं। हालांकि, ये डायबिटीज के मरीजों के लिए उपयुक्त नहीं है।
होता है सुक्रोस से भरपूर : गुड़ में 65 से 85 प्रतिशत तक सुक्रोज होता है। हालांकि, गुड़ पचने में चीनी से ज्यादा समय लेता है पर कुछ समय बाद गुड़ और चीनी दोनों का ही प्रभाव ब्लड शुगर पर समान रूप से पड़ता है। डायबिटीज के मरीजों को कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन करने की सलाह दी जाती है जबकि गुड़ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत ही ज्यादा होता है। ऐसे में इसका अधिक सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
कितना खाना हो सकता है उचित : हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर मधुमेह रोगियों को मीठा खाने का मन करे तो निश्चित ही गुड़ का सेवन चीनी से ज्यादा बेहतर है क्योंकि इसमें ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं। हालांकि, मरीजों को सीमित मात्रा में ही गुड़ खाना चाहिए। विशेषज्ञों की मानें तो दिन भर में केवल 1 से 2 चम्मच गुड़ खाना ही इन मरीजों के लिए उचित होगा। साथ ही, आप घर में उगाए गए स्टेविया का सेवन भी कर सकते हैं।
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