*पराली धान की पुआल व अन्य कृषि अपशिष्ट* *को जलाये जाने पर होगी कार्यवाही-डीएम*

*इसका उल्लंघन करने वाले के विरूद्ध जुर्माना* *एवं वसूली करने के दिये निर्देश-डीएम*

 

बलिया। जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण के स्तर में हुई बढ़ोतरी के दृष्टिगत उस पर प्रभावी नियंत्रण हेतु (पराली धान की पुआल) व अन्य कृषि अपशिष्ट को जलाये जाने के कारण होने वाले पयार्वरण प्रदूषण की रोकथाम एवं इसका उल्लंघन करने वाले के विरुद्ध जुर्माना लगाने के साथ-साथ प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए गये हैं। वायु प्रदूषण पर प्रभावी रोक लगाये जाने हेतु पराली एवं अन्य कृषि अपशिष्ट जलाये जाने पर अंकुश लगाये जाने के निम्न प्रकार है। धान की फसल काटने हेतु प्रयोग में लायी जाने वाली कम्पाइन मशीन में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी के आदेश के क्रम में एक अतिरिक्त यंत्र एस्ट्रा निकल सके। यदि किसी कंपाइन मशीन में एस्ट्रा राईपर लगाया जाय, जिससे धान की फसल का बचा हुआ हिस्सा खेत से निकल सके यदि किसी कंपाइन मशीन में एस्ट्रा राईपर अतिरिक्त यंत्र न लगा हो तो उसका संचालन रोक कर संबंधित थाना में खड़ा करा दिया जाय। क्षेत्रीय लेखपाल के माध्यम से सर्वे कराकर खसरा में इसका इंद्राज कराया जाय कि किसान द्वारा गाटे पर पराली जलायी गयी है तथा पराली जलाने वाले किसान को शासकीय योजनाओं के लाभ से वंचित रखने के संबंध में कार्यवाही की जाए। ग्राम स्तरीय अधिकारियों एवं ग्राम पंचायत सचिव/लेखपाल के माध्यम से खेतों में पराली न जलाया जाये। इसका उल्लंघन करने वाले के विरूद्ध जुर्माना एवं आरोपित करते हुए वसूली भी सुनिश्चित की जाय।

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