बलिया। बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए शनिवार को जनपद के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अन्नप्राशन दिवस मनाया गया। इसी क्रम में बांसडीह ब्लाक के अन्तर्गत दराव गाँव के आंगनबाड़ी केन्द्र पर अन्नप्राशन का आयोजन कियाग गया। इस मौके पर छः माह के सभी नवजात शिशुओं को खीर खिलाकर अन्नप्राशन किया गया। इसके अलावा सभी धात्री महिलाओं को स्तनपान के अतिरिक्त उपरी अर्ध ठोसाहार देने की भी सलाह दी गयी।
इस अवसर पर सुपरवाइजर अर्चना सिंह ने कहा कि बच्चे के जन्म से छः माह तक सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए यहाँ तक कि पानी भी नहीं क्योंकि माँ का दूध शिशु की सब जरूरतें पूरी करने में सक्षम होता है। छः माह पूरा होने पर ही मां के दूध के साथ-साथ ऊपरी अर्ध ठोसाहार जैसे गाढ़ी दाल, मीठा दलिया, दही-चावल आदि देना चाहिए।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मीना यादव ने सभी महिलाओं, खासकर धात्री महिलाओं को जानकरी देते हुए बताया कि छठे महीने में, जब शिशु के प्रायः दाँत निकल आते हैं, तब उसे उबला हुआ अन्न खिलाया जाता है। इसमें वह दही, शहद, घी, चावल आदि खिला सकते हैं। उन्होने बताया कि इस दिवस के पूर्व शिशु अपने भोजन के लिए माता के दूध पर निर्भर रहता था। वहीं जब शिशु की पाचन शक्ति बढ़ जाती है और उसके शरीर के विकास के लिए पौष्टिक तत्वों की आवश्यकता पड़ती है, तब शिशु को प्रथम बार अन्न अथवा अर्ध ठोस आहार दिया जाता है। इसके साथ ही सभी महिलाओं को पोषण के अन्तर्गत हरी सब्जी, दूध, फल का सेवन, स्वास्थ्य के अन्तर्गत नियमित टीकाकरण, आयरन की गोली, प्रसव पूर्व जांच संस्थागत प्रसव के बारे विस्तार से बताया। बताया ज्ञ कि स्तनपान कराने से मां एवं बच्चे के बीच भावनात्मक लगाव बढ़ता है। मां के दूध में मौजूद पोषक तत्व से बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे बच्चे निरोगी रहते हैं। इस अवसर पर सहायिका एवं अन्य लाभार्थी मौजूद रहे।
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