भूल जाना तुम मुझे, पर ये याद रखना.....
वो मेरी ग़ज़ल पढ़ कर, पहलु बदल के बोले !! कोई इससे कलम छीन लो !! ये किसी की जान ले लेगी !! मेरी लिखी किताब, मेरे ही हाथो में देकर वो कहने लगे !!, इसे पढा करो तो मोहब्बत सीख जाओगे !! उन्हे कैसे बताये कि उनके मुहब्बत में किताब लिख दिये !! उन्हें एहसास तक नहीं !! सबूत तो गुनाहो के होते है !! बेगुनाह म…