*मृत्यु*
दस दरवाजे रखे हैं इंद्रियों के पांच कर्मेंद्रियां, पांच ज्ञानेंद्रियां—ये दरवाजे रखे हैं।  इन्हीं दरवाजों से तुम जीवन से संबंध बनाते हो,  और इन्हीं दरवाजों से एक दिन मौत आएगी।  इन्हीं दरवाजों से तुम बाहर जाते हो इन्हीं आंखों से तुम बाहर जाते हो,  इन्हीं हाथों से तुम बाहर टटोलते हो,  स्पर्श करते हो,…
Image
*कटु वचन*
आज का ज्ञान :- दो भाई  परस्पर बडे़ ही स्नेह तथा सद्भावपूर्वक रहते थे। दोनो भाई कोई वस्तु लाते तो एक दूसरे के परिवार के लिए भी अवश्य ही लाते, छोटा भाई भी सदा उनको आदर तथा सम्मान की दृष्टि से देखता ! एक दिन किसी बात पर दोनों में कहा सुनी हो गई। बात बढ़ गई और छोटे भाई ने बडे़ भाई के प्रति अपशब्द कह दि…
Image
*बंटवारा*
"पापा जी ! पंचायत इकठ्ठी हो गई , अब बँटवारा कर दो।" कृपाशंकर जी के बड़े लड़के गिरीश ने रूखे लहजे में कहा। "हाँ पापा जी ! कर दो बँटवारा अब इकठ्ठे नहीं रहा जाता" छोटे लड़के कुनाल ने भी उसी लहजे में कहा। पंचायत बैठ चुकी थी, सब इकट्ठा थे। कृपाशंकर जी भी पहुँचे। "जब साथ में निर्वाह…
Image
*चेहरा नहीं व्यवहार बनाएँ सुन्दर*
*एक सभा में गुरु जी ने प्रवचन के दौरान* एक 30 वर्षीय युवक को खड़ा कर पूछा कि आप मुम्बई मेँ जुहू चौपाटी पर चल रहे हैं और सामने से एक सुन्दर लड़की आ रही है तो आप क्या करोगे ? युवक ने कहा - उस पर नजर जायेगी, उसे देखने लगेंगे। गुरु जी ने पूछा - वह लड़की आगे बढ गयी तो क्या पीछे मुड़कर भी देखोगे ? लड़के …
Image
*कर्म का मर्म*
किसी समय एक प्रजा हितैषी राजा था। वह नियमित रूप से वेश बदलकर निकलता और प्रजा के हालचाल जानता। प्रजा भी राजा के प्रति बहुत स्नेह व सम्मान रखती थी। प्रजा का कोई संकट, कोई समस्या या आवश्यकता राजा से न छिपी रहती।  एक दिन राजा ने विचार किया कि सीमा से सटे गांवों की स्थिति को देखा जाए। वह अपने एक सहायक क…
Image
*उम्मीद*
कंपनी बाग पार्क गेट के समीप एक वृद्ध व्यक्ति, कड़ी धुप में भी नंगे पैर अपने परिवार का बोझ लेकर लोगों से उम्मीदें लगाये सुबह से बैठा था।  और हर आते-जाते व्यक्ति से बोलता कि मीठे खजूर हैं साहब, ले लीजिये, पैसे जो देना हो वही दे दीजियेगा। मगर लोग रुक नहीं रहे थे। धूप में बैठे परेशान दिख रहे बाबा को रवि…
Image
*तृष्णा*
एक व्यापारी था। वह ट्रक में चावल के बोरे लिए जा रहा था। एक बोरा खिसक कर गिर गया। कुछ चीटियां आयीं 10-20 दाने ले गयीं, कुछ चूहे आये 100-50 ग्राम खाये और चले गये, कुछ पक्षी आये थोड़ा खाकर उड़ गये, कुछ गायें आयीं 2-3 किलो खाकर चली गयीं। एक मनुष्य आया और वह पूरा बोरा ही उठा ले गया। अन्य प्राणी पेट के लिए…
Image
*ग़लती*
आज का ज्ञान :-                  एक बार एक राजा भोजन कर रहा था, अचानक खाना परोस रहे सेवक के हाथ से थोड़ी सी सब्जी राजा के कपड़ों पर छलक गई। राजा की त्यौरियां चढ़ गयीं। जब सेवक ने यह देखा तो वह थोड़ा घबराया, लेकिन कुछ सोचकर उसने प्याले की बची सारी सब्जी भी राजा के कपड़ों पर उड़ेल दी। अब तो राजा के क्…
Image
चरित्रहीन
एक बार 1 बुजुर्ग को उनके बातो से प्रभावित हो एक औरत ने उन्हें अपने घर खाने का निमंत्रण दिया। बुजुर्ग निमंत्रण स्वीकार कर उस औरत के घर भोजन के लिए चल पड़े। रास्ते में जब लोगों ने उस औरत के साथ बुजुर्ग को देखा तो, एक आदमी उनके पास आया और बोला कि आप इस औरत के साथ कैसे? बुजुर्ग ने बताया कि वह इस औरत के…
Image
*मनुष्य का मन*
हमारे मन का एक बहुत बड़ा गुण है, कि जो हमारे पास होता है, ये मन उसकी फिक्र कभी नहीं करता ! और जो हमारे पास नहीं होता है, हमेशा हमारा मन उसी की आकांक्षा से भरा रहता है। मछली जीवन भर जल में रहती है, लेकिन उसे पानी का मूल्य तब तक पता नहीं लगता, जब तक कि उसे पानी से बाहर निकाल नहीं दिया जाता है। मछली को…
Image
*विश्वास*
एक आदमी जब भी दफ्तर से वापस आता, तो कुत्ते के प्यारे से पिल्ले (कुते के बच्चे) रोज उसके पास आकर उसे घेर लेते थे, क्योंकि वो रोज उन्हें बिस्कुट देता था। कभी 4 कभी 5 कभी 6 पिल्ले रोज आते और वो रोज उन्हें पारलें बिस्कुट या ब्रेड खिलाता था। एक रात जब वो दफ़्तर से वापस आया तो पिल्लों ने उसे घेर लिया लेकि…
Image