*मृत्यु*
दस दरवाजे रखे हैं इंद्रियों के पांच कर्मेंद्रियां, पांच ज्ञानेंद्रियां—ये दरवाजे रखे हैं। इन्हीं दरवाजों से तुम जीवन से संबंध बनाते हो, और इन्हीं दरवाजों से एक दिन मौत आएगी। इन्हीं दरवाजों से तुम बाहर जाते हो इन्हीं आंखों से तुम बाहर जाते हो, इन्हीं हाथों से तुम बाहर टटोलते हो, स्पर्श करते हो,…